छत्तीसगढ़

कवर्धा पिकअप हादसे के मृतकों के परिजनों से मिलने उनके गांव सेमरहा पहुंचे सीएम साय

Shantanu Roy
30 May 2024 2:25 PM GMT
कवर्धा पिकअप हादसे के मृतकों के परिजनों से मिलने उनके गांव सेमरहा पहुंचे सीएम साय
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छग
रायपुर/कबीरधाम। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज कबीरधाम जिले के कुकदूर के ग्राम सेमरहा पहुंचे। जहाँ उन्होंने ग्राम बाहपानी में हुए दुःखद हादसे में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदना प्रकट की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पीड़ित परिवार के लोग भावुक हो उठे और एक-एक कर अपने दुःख को साझा किया। श्री साय ने भी परिजनों से बातचीत कर उन्हें संबल प्रदान किया और संकट की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ खड़े रहने की बात कही।

सीएम साय ने परिजनों से कहा कि - आज का दिन बहुत ही दुःखद है। जो घटना घटी उसके लिए हम सब दुःखी हैं। घटना की सूचना मिलते ही मैंने गृहमंत्री विजय शर्मा से कहा कि आप जल्द से जल्द वहां पहुंचिए और वहां जो भी त्वरित मदद हो सके वह करिये। जिस पर गृहमंत्री जी रायपुर से तत्काल वहां पहुंचे और पीड़ित परिवारों व घायलों की आवश्यक मदद की। हमारे अधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे। यहाँ की स्थानीय विधायक ने भी मुझे फ़ोन करके घटना की जानकारी दी। यह घटना वास्तव में दुःखद है और एक ही परिवार के दस सदस्यों का एक साथ चले जाना दुःख के पहाड़ के समान है। दुर्घटना में गई जान की भरपाई कभी नहीं की जा सकती, हम लोग सांत्वना ही दे सकते हैं।

श्री साय ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सब आपके साथ हैं और छत्तीसगढ़ सरकार भी आपके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री होने के नाते सरकार की तरफ से हमनें पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है, जो जल्द ही आप लोगों को दी जाएगी। यह अच्छी बात है कि पंडरिया विधायक ने मृतक परिवार के छोटे बच्चों के पढ़ाई का जिम्मा लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार मृतक परिवारों के हित के लिए जो कर सकती है उसे हम अवश्य करेंगे। भगवान से प्रार्थना है कि मृतकों की आत्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें। गौरतलब है कि विगत 20 मई को कबीरधाम जिले के कुकदूर के बाहपानी गांव में तेंदूपत्ता तोड़ने गए श्रमिकों से भरी पिकअप के पलटने से 19 लोगों की मौत हो गई थी और कई श्रमिक घायल हो गए थे। घटना के बाद मृतकों के परिजनों से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने फोन पर बात की थी। आज श्री साय पीड़ित परिवारों से मिलने उनके गांव पहुंचे और उनके दुःख में शामिल होकर उन्हें ढांढस बंधाया।
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