उन्होंने बताया कि आबकारी राजस्व में डेढ़ गुनी बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में ईडी का आबकारी राजस्व में कमी का आरोप मिथ्या, और मनगढ़ंत है। सीएम ने कहा कि महालेखाकार ने भी जांच की थी, और आबकारी विभाग को क्लीनचिट दी गई। उन्होंने कहा कि दो साल पहले फरवरी में आबकारी कारोबार से जुड़े लोगों के यहां आईटी ने छापे मारे थे। लेकिन आईटी डिपार्टमेंट प्रेस नोट तक जारी नहीं की।
सीएम ने कहा कि 13 मार्च को ईडी ने फिर से छापेमारी की। तब भी प्रेस नोट जारी नहीं किए गए। शर्म के मारे वो नहीं बता पाई कि किसकी, कितनी चल-अचल संपत्ति है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी के अफसर यहां के लोगों से मारपीट कर रहे हैं। महिलाओं को खाने-पीने नहीं दिया गया। जबरिया हस्ताक्षर लिए गए। उन्होंने कहा कि कोयला में 5 सौ करोड़, और आबकारी में दो हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाया है, लेकिन अभी तक किसी की चल-अचल संपत्ति को सार्वजनिक क्यों नहीं किया। सीएम ने कहा कि ईडी के सारे आरोप मिथ्या हैं। केन्द्र की एजेंसी भाजपा के राजनीतिक एजेंट के तौर पर काम कर रही है।