छत्तीसगढ़

झीरम हत्याकांड को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने जांच एजेंसी को घेरा...कहा...NIA जांच ठीक ढंग से नहीं कर रही और न हमें करने दे रही

Admin2
29 Oct 2020 3:02 AM GMT
झीरम हत्याकांड को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने जांच एजेंसी को घेरा...कहा...NIA जांच ठीक ढंग से नहीं कर रही और न हमें करने दे रही
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जांच एजेंसी एनआइए झीरम हत्याकांड की ठीक से जांच नहीं कर रही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को यहां बस्तर दशहरा उत्सव में शामिल होने पहुंचे। सिरहासार भवन में मुरिया दरबार कार्यक्रम के दौरान मीडिया से चर्चा में कहा कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआइए झीरम हत्याकांड की ठीक से जांच नहीं कर रही है और न ही छत्तीसगढ़ सरकार को जांच करने दे रही है। मुख्यमंत्री ने यहां लालबाग में दो करोड़ की लागत से प्रस्तावित झीरम घाटी शहीद स्मारक की आधारशिला भी रखी।

नक्सली हमले में 27 लोगों की शहादत की घटना की एनआइए और न्यायिक आयोग की जांच चल रही

बता दें कि नक्सली हमले में 27 लोगों की शहादत की उक्त घटना की एनआइए और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित विशेष न्यायिक आयोग की जांच चल रही है। एनआइए कोर्ट की सहमति मिलने के बाद दरभा पुलिस ने भी कांग्रेस नेता जितेंध मुदलियार की शिकायत पर मई 2020 से झीरम कांड की साजिश की जांच शुरू कर दी है। इसे ही आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा।

झीरम कांड में कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं, जवानों और आम नागरिकों को खोया

उन्होंने कहा कि झीरम कांड में कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं, जवानों और आम नागरिकों को खोया है। बस्तर और प्रदेश ही नहीं, पूरा देश झीरम कांड के शहीदों को मारने वालों का नाम जानना चाहता है। हम चाहते हैं कि दोषियों की गिरफ्तारी हो पर केंद्र सरकार जांच में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा खामोश नहीं है। जांच न हो इसलिए अंदर ही अंदर षड्यंत्र कर रही होगी।

नेताओं और जवानों का स्मारक एक साथ

जगदलपुर में ऐसा स्मारक बनाया जा रहा है, जिसमें झीरम घाटी में शहीद हुए 10 जवानों के साथ 12 कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं व पांच आमजनों के नाम अंकित होंगे। स्मारक दो साल में तैयार हो जाएगा। क्या है झीरम हत्याकांड 25 मई 2013 को सुकमा से लौट रही कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर जगदलपुर से 42 किमी दूर दरभा घाटी में नक्सलियों ने हमला कर 27 लोगों को शहीद कर दिया था। इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके पुत्र दीपक पटेल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार आदि नेताओं समेत कांग्रेस कार्यकर्ता, सुरक्षा बल के जवान और आम नागरिक शामिल थे।

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