रायपुर। महिला आरक्षण बिल पर छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अब इस पर चर्चा होगी कि किस तरह से इसे लागू किया जाए। अभी करेंगे या 2027 के परिसीमन के बाद किया जाएगा। अभी तो जनगणना नहीं हुआ तो परिसीमन किस आधार पर होगा, ये भी एक विषय है। लोकसभा में चर्चा होगी तो सब लोग बात रखेंगे।
#WATCH अब इस पर चर्चा होगी कि किस तरह से इसे लागू किया जाए। अभी करेंगे या 2027 के परिसीमन के बाद किया जाएगा। अभी तो जनगणना नहीं हुआ तो परिसीमन किस आधार पर होगा, ये भी एक विषय है। लोकसभा में चर्चा होगी तो सब लोग बात रखेंगे: महिला आरक्षण बिल पर छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल, रायपुर pic.twitter.com/S429VH5IpJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
बता दें कि जिस दिन से पार्लियामेंट के स्पेशल सीजन बुलाने की बात सरकार ने की है, उसी दिन से यह अटकलें लगाईं जा रहीं हैं थीं कि महिला आरक्षण, समान सिविल संहिता, ओबीसी कोटे में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का बिल सरकार पेश कर सकती है. महिला आरक्षण पर कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अब किस बिल की बारी है?
दरअसल विपक्ष के पास जातिगत जनगणना का ऐसा हथियार है जिसे वो एनडीए सरकार के खिलाफ 2024 के चुनावों में ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल करने वाला है. अब चू्ंकि इंडिया एलायंस की समन्वय समिति ने यह प्रस्ताव भी पारित कर दिया है कि वो अगले चुनावों में इसे मुद्दा बनाएगी. निश्चित ही बीजेपी इसका तोड़ ढूंढ रही है. इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि संसद के विशेष अधिवेशन में सरकार रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लोकसभा में रख सकती है.