डीएमएफ अनियमितता के मुद्दे पर बोले सीएम भूपेश बघेल, जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मासनून सत्र की कार्यवाही लगातार जारी है। सदन में आज जांजगीर-चाम्पा में डीएमएफ में अनियमितता का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायक सौरभ सिंह, नारायण चंदेल और शिवरतन शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया। विधायकों के इस सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने जवाब दिया। सीएम भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि कहीं भी ग़लत हुआ होगा तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, उन्हें छोड़ने का काम हम नहीं करेंगे। वहीं, नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप ने ध्यानाकर्षण में आया शेडनेट हाउस और हाउस निर्माण का मामला उठाया, जिसमें केशकाल विधायक संतराम नेताम ने की जांच की मांग की। इसके बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने जांच का आदेश देते हुए एक अधिकारी को भी निलंबित कर दिया।
इससे पहले विपक्ष ने सदन में अपने सवालों से सरकार को घेरा। प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि 3 वर्षों में कितने विद्यार्थियों को नर्सिंग प्रशिक्षण में प्रवेश दिया गया? जिसके जवाब में मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि 95 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। विधायक मोहन मरकाम ने छात्राओं को लेकर दोबारा सवाल उठाया कहा कि राशि के प्रावधान होने के बावजूद छात्राओं को क्यों यथोचित लाभ नहीं मिल रहा है?
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार अच्छा काम कर रही है। विभाग की उदासीनता से बच्चों को किसी तरह का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब देते हुए कहा कि यह योजना 'निशुल्क नर्सिंग प्रशिक्षण' प्रदेश के 400 बच्चों के लिए है। डॉ. प्रेमसाय ने बस्तर से सम्बंधित जवाब दिए।