विधानसभा सत्र व कृषि बिल पर बोले सीएम भूपेश बघेल
केंद्र की कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला
रायपुर (जसेरि)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। सीएम ने कृषि कानूनों को विरोध करते हुए कहा कि नया कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। किसानों को लूटने में लगी है मोदी सरकार। इस दौरान सीएम ने धान से इथेनाल बनाने की अनुमति मांगने की बात कही। सीएम ने कहा कि हमें केंद्रीय राज्यमंत्री बालयान की चुनौती स्वीकार की है। हमने धान खरीदने की मांग की लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। स्नष्टढ्ढ की खरीदी के बाद बचा धान का क्या होगा ये सवाल अभी भी खड़ा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। केंद्र पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने ये भी शर्त रखी कि अधिक मूल्य में धान खरीदेंगे तो वे नहीं खरीदेंगे। इसे देखते हुए हमने रिसर्च किया और धान से इथेनाल बनाने की अनुमति मांगी। इथेनाल का रेट नहीं था हमारे दबाव की वजह से रेट तय हुआ है। हम धान के अलावा अब गन्ना से भी इथनाल बनाएंगे।
कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशान
राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कृषि कानून के बारे में प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे हैं। उन्होंने केद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बयान पर हमला बोला। केंद्रीय मंत्री ने कृषि कानून को लेकर चुनौती दी थी। इस पर कहा कि हमारे मंत्री चुनौती पहले की स्वीकार की थी। लेकिन कोई बहस करने नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कानून में बदलाव करना चाहिए, अनाज खरीदने की व्यवस्था एफसीआई करती है, ये बिल्कुल सही बात है। राज्य सरकार एक माध्यम है। जब एजेंसी है तो केंद्र सरकार द्वारा लिमिट क्यों लगाया गया है। बचा धान कहां जाएगा। बोनस देने वाले राज्य का अनाज खरीदना केंद्र ने जून 2014 में बंद कर दिया। इसके बाद हमने आंदोलन किया। फरवरी 2019 में कार्यशाला की आयोजित की गई। इथेनॉल बनाने के काम पर चर्चा की गई। धान से इथेनॉल बनाने की अनुमति की मांग की।
पूर्ण बहुमत की सरकार, सत्र बुलाने से कोई नहीं रोक सकता
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने कुछ जानकारी मांगी है। उसके बाद उम्मीद है कि अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने इसके लिए भाजपा को भी निशाने पर लिया। कहा, राजभवन को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। रमन सिंह को बैकडोर से शासन चलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
दरअसल, केंद्र के कृषि सुधार बिल के विरोध में राज्य सरकार किसानों के लिए नया कानून बनाना चाहती है। इसको लेकर सरकार ने दीपावली से पहले ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा कर दी थी। इसी मामले में सरकार की ओर से सोमवार को फाइल राजभवन को भेजी गई थी, जिसे अगले दिन मंगलवार को राज्यपाल ने सवाल उठाते हुए लौटा दिया।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्य सरकार से पूछा है कि 58 दिन पहले ही मानसून सत्र हुआ था। अब कौन सी परिस्थिति आ गई है कि अचानक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए? कौन से विधि विषयक कार्य सत्र में होने है स्पष्ट करें। वहीं संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि टकराव जैसी स्थिति नहीं है। सरकार ने 27 और 28 अक्टूबर को सत्र बुलाने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा है।