जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग हमेशा कहते रहे हैं कि सरकार ने पूरा पैसा किसानों को दे दिया। गरीबों के लिए योजनाएं बनाई, लेकिन अधोसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) में कुछ नहीं किया। लेकिन ऐसा नहीं है, प्रदेश में हजारों करोड़ की सड़कें बनेगी। भाजपा की सरकार के वक्त एक साल में जितनी सड़कें स्वीकृत नहीं हुईं, हमने उससे कहीं ज्यादा सड़कें सिर्फ स्वीकृत नहीं की हैं, बल्कि उनके टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू करवाया जा रहा है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले 15 दिनों से हम लगातार प्रदेश के विकास को और गति देने पर बैठक कर रहे थे। अधोसंरचना के मामले में हम पीछे नहीं हैं। सभी विभागों की योजनाओं को लेकर अफसरों से बात की गई। ये देखा गया कि किस काम में जमीनी तौर पर कहां दिक्कत आ रही है। उन रुकावटों को समझकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं। हमने हर विभाग के प्रोजेक्ट को लेकर टाइम लिमिट तय की है। काम को पूरा करने को लेकर खुद विभागों से समय सीमा पर काम पूरा करने का जिम्मा लिया है, ताकि लोगों को फायदा मिल सके।
पूर्व ष्टरू वीरभद्र की अंत्येष्टि में होंगे शामिल : शुक्रवार को मुख्यमंत्री कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रतिनिधि बनकर शिमला गए। वहां 10 जुलाई को दिवंगत कांग्रेस नेता और हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र के अंत्येष्टि कार्यक्रम में बघेल भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पवन बंसल, आनंद शर्मा और मैं वीरभद्र जी के अंत्येष्टि कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रतिनिधी के रूप में शामिल हो रहे हैं। वीरभद्र 6 बार सीएम रहे, केंद्रीय मंत्री रहे इस्पात मंत्री के पद पर जब थे तो भिलाई स्टील प्लांट भी आए। छत्तीसगढ़ से उनका संबंध रहा है। महेंद्र कर्मा के मैं जब एक बार साथ में शिमला गए थे, तो हमें राजकीय अतिथि का दर्जा दिया तब मंत्रालय में उनसे कई मुद्दों पर बातें हुई थीं। उनके जाने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने रिजर्व बैंक से लिया हजार करोड़ का कर्ज
छत्तीसगढ़ सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के माध्यम से हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। सरकार यह रकम लगभग सात फीसद (6.82) ब्याज दर के साथ सात वर्ष में लौटाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार ने यह पहला कर्ज लिया है। हजार करोड़ के नए कर्ज के साथ राज्य पर कर्जभार बढ़कर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। छत्तीसगढ़ के साथ ही 11 और राज्यों ने भी रिजर्व बैंक से कर्ज लिया है। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, वित्तीय वर्ष के पहले ही महीने में लॉकडाउन की वजह से राजस्व प्रभावित हुआ है। यही वजह है कि राज्य सरकार को रोजमर्रा के खर्च के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने करीब 12 हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया था। यह राशि सरकार ने पहले वित्तीय वर्ष के बाद लिया था, लेकिन इस बार पहली तिमाही में ही कर्ज लेना पड़ गया है। इधर, राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही है। समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के संसाधनों से राजस्व वृद्धि पर जोर देने अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।
इन राज्यों ने भी लिया कर्ज
छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र 2500 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश, बिहार व तमिलनाडु ने दो-दो हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। वहीं, बंगाल 1500 करोड़ रुपये व पंजाब ने 1200 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। गुजरात व राजस्थान ने हजार-हजार करोड़, असम ने 500 करोड़ रुपये, गोवा व मिजोरम ने 100-100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।