रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर जिले के बकावंड विकासखण्ड स्थित मंगनार गौठान का अवलोकन किया। उन्होंने वहां स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों का अवलोकन किया और महिलाओं से उनके कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने गौठान में सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन इकाई, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, वेस्ट डिकम्पोस्ट उत्पादन इकाई, गोबर गमला एवं दीया निर्माण, केंचुआ खाद निर्माण, मधुमक्खी पालन, मछली पालन और कुक्कुट पालन गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंनेे गौठान में गोवर्धन पूजा की और वहां स्वसहायता समूहों की महिलाओं के साथ दोपहर का भोजन भी किया। मुख्यमंत्री के मंगनार गौठान पहुंचने पर पारंपरिक गेड़ी नृत्य और पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री बघेल ने गौठान में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, स्वसहायता समूहों की महिलाओं और ग्रामीणों से राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट, वनाधिकार पट्टा वितरण, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और उसके भुगतान, गोबर खरीदी तथा गांवों में गौठान निर्माण और संचालन के बारे में पूछा। उन्होंने स्थानीय किसानों से चर्चा के दौरान बताया कि राज्य सरकार आने वाले समय में कोदो-कुटकी की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौर में भी प्रदेश में वनोपजों की अच्छी खरीदी हुई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और गौठानों में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल ने मंगनार गौठान में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीणों की आय बढ़ाने और गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कई नयी पहल की गई हैं। छत्तीसगढ़ किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदने वाला देश का पहला राज्य है। वनांचलों में लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत और सामूहिक वनाधिकार पट्टा वितरित किए गए हैं। बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अलग-अलग क्षेत्रों की समस्याएं जानने लगातार भ्रमण कर विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं। इस दौरान वे अनेक विकास कार्यों की सौगात भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर के एक-एक गरीब एवं आदिवासी परिवार के विकास से ही समूचे बस्तर का विकास होगा। तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों की आय बढ़ाने सरकार ने प्रति मानक बोरा संग्रहण दर ढाई हजार रूपए से बढ़ाकर चार हजार रूपए कर दी गई है। स्थानीय लोगों के हित में लोहण्डीगुड़ा में किसानों की जमीन लौटाने जैसा अभिनव कदम भी उठाया गया है। मुख्यमंत्री के मंगनार गौठान के अवलोकन के दौरान छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, चित्रकोट के विधायक श्री राजमन बेंजाम, क्रेडा के अध्यक्ष श्री मिथिलेश स्वर्णकार और छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एम.आर. निषाद, कलेक्टर श्री रजत बंसल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद थे।