छत्तीसगढ़

सनातन काल से ही स्वच्छता हमारे संस्कार और स्वभाव का हिस्सा: अरुण साव

Shantanu Roy
1 Oct 2024 1:35 PM GMT
सनातन काल से ही स्वच्छता हमारे संस्कार और स्वभाव का हिस्सा: अरुण साव
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छग
Raipur. रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव आज बिलासपुर की तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र सभागार में आयोजित ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने पखवाड़ा के दौरान बेहतरीन काम करने वाले एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री साव ने कहा कि स्वच्छता हमारे लिए कोई नई चीज नहीं है। आदिकाल से यह हमारी आदत और संस्कार में शामिल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री सुशांत शुक्ला ने की। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से एक दशक पहले स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया। उस समय बहुत से लोग सोचते थे कि यह क्या नई चीज है।


लोगों के मन में स्वच्छता अभियान को लेकर आशंका थी। लेकिन लोग अब इतने दिनों में इसकी महत्ता समझ चुके हैं। सबको साफ-सुथरा रहना पसंद आने लगा है। श्री साव ने कहा कि स्वच्छता सनातन काल से हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा रही है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के समापन कार्यक्रम का आयोजन बिलासपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्नीक कॉलेज, आदर्श आईटीआई और शासकीय कृषि महाविद्यालय द्वारा किया गया था। श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि हम कितने भी महंगे कपड़े पहन लें, यदि वह साफ-सुथरा नहीं है तो उसका कोई
मतलब
नहीं है। हम अपने घर के भीतर तो साफ-सफाई रखते हैं, लेकिन आसपास की स्वच्छता को भूल जाते हैं। इसकी चिंता नहीं करते। घर की ही तरह अपने परिवेश, गांव, मोहल्ला और शहर की सफाई पर भी ध्यान देना है। ‘स्वच्छता परमो धर्मः’ के ध्येय को सामने रखकर लोगों को जागरुक करने प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर अवनीश शरण, नगर निगम के आयुक्त अमित कुमार, नेता प्रतिपक्ष राजेश सिंह और शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य टी.एस. चावला सहित बड़ी संख्या में कॉलेज के विद्यार्थी, शिक्षक, एनएसएस व एनसीसी के स्वयंसेवक तथा गणमान्य नागरिक भी समारोह में मौजूद थे।
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