छत्तीसगढ़

शहर सीरतुन्नबी कमेटी के मेंबर दावतनामा देने जनता से रिश्ता के प्रधान संपादक पप्पू फरिश्ता से मिले

Shantanu Roy
12 Sep 2024 2:15 PM GMT
शहर सीरतुन्नबी कमेटी के मेंबर दावतनामा देने जनता से रिश्ता के प्रधान संपादक पप्पू फरिश्ता से मिले
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Raipur. रायपुर। शहर सीरतुन्नबी कमेटी पूरे रायपुर के ख़ास और आमजनों को दावत देने के लिए शहरभर के लोगों से मुलाकात कर दावतनामा दे रही है। पैगंबर हजरत मोह्हमद साहब के जन्मदिन के मुबारक मौके पर जुलूसे मोह्हमदी निकाला जाता है। आज शहर सीरतुन्नबी कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हाजी शेख शोबी जमील, सरपरस्त नासिर खान कादरी, नायब सदर मोह्हमद ज़हीर अशरफी, नायब सदर हाजी मोहम्मद इलियास, नायब सदर हाजी रिज़वान लतीफ़ और ऑफिस इंचार्ज शफीक खान दावतनामा देने जनता से रिश्ता कार्यालय पहुंचे। वहां प्रधान संपादक पप्पू फरिश्ता, राजनीतिक संपादक मोहम्मद ज़ाकिर घुरसेना और आरिफ खान से मुलाकात कर कमेटी के द्वारा कराए जा रहे विभिन्न प्रोग्राम की जानकारी दी।




जो शहर सीरतुन्नबी कमेटी के ज़ेरे एहतेमाम होता है। दिनांक 16 सितंबर 24 बरोज पीर (सोमवार) को मुस्लिम समाज के द्वारा सुबह 7 बजे जुलूसे मोह्हमदी स.अ.व निकाला जाएगा। जिसकी कयादत हजरत सैय्यद अबुल हसन अशरफ मियाँ फरमाएंगे। जुलूस के बाद सीरत मैदान बैजनाथ पारा में परचम कुशाई और आम लंगर का भी एहतेमाम किया गया है। कमेटी द्वारा सीरत मैदान में ही 17 और 18 सितंबर को तक़रीर, 20 सितंबर को आल इंडिया नातिया मुशायरा भी रखा गया है। साथ ही 21 सितंबर को मस्तुरातों का जलसा दोपहर 3 बजे सीरत मैदान में और 22 सितंबर को शहीद स्मारक भवन में बाचों का नातिया प्रोग्राम सुबह 10 बजे से और इस्तेकबालिया प्रोग्राम दोपहर 3 बजे से रखा गया है।





गौरतलब है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मुबारक मौके पर जुलूसे मोह्हमदी पूरे देश भर में निकाला जाता है और पैगंबर साहब के शांति के पैगाम को जन-जन तक पहुंचाने का समाज और कमेटी का एक प्रयास होता है साथी ही मुस्लिम समाज के लोग अपने घरों और मौहल्लों में सजावट भी करते है और गरीबों को खाना व कपड़ा भी तकसीम करते है। दुनिया में मानवता और इंसानियत का संदेश देने वाले पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोह्हमद साहब का जन्मदिवस जश्ने आमदे रसूल ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार इस साल भी 16 सिंतबर दिन सोमवार को रखा गया है। राजधानी में जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर निकाले जाने वाले जुलूसे मोहम्मदी का जगह-जगह स्वागत और फूल बरसाए जाते है जिसमें विभिन्न संस्थाओं, समाज एवं राजनीतिक पार्टियों के लोग शामिल होकर भाईचारे का संदेश देते है। जुलूस में शामिल धर्मगुरुओं का पुष्पगुच्छ और शॉल देकर गंगाजमुनी तहज़ीब को पेश करते है।

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