x
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 13वीं कड़ी का प्रसारण आज 13 दिसम्बर को किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल लोकवाणी में छत्तीसगढ़ सरकार दो वर्ष का कार्यकाल' विषय पर प्रदेशवासियों से बात की। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक किया गया। मुख्यमंत्री बघेल की छत्तीसगढ़ सरकार दो वर्ष का कार्यकाल' विषय पर आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को मुंगेली जिले के नागरिकों ने भी उत्साह पूर्वक सुना। इसी कड़ी में जिला कलेक्टोरेट परिसर में आम नागरिकों और विभिन्न मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को तन्मयता से सुना।
मुख्यमंत्री ने बघेल ने अपने मासिक रेडियोवार्ता में कहा कि किसी सरकार के काम-काज का दो वर्ष बहुत अधिक समय नहीं होता लेकिन फिर भी यह संतोष का विषय है कि हमारे दो वर्षों के कार्यकाल में नौनिहालों को, युवाओं को सुखद भविष्य दिख रहा है। हम इसी प्रकार छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने के लिए समर्पित रहेंगे और चाहेंगे कि विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल का मानवीय चेहरा निरंतर दमकता रहे। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में 18 दिसम्बर को बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती के अवसर पर उन्हें सादर नमन करते हुए कहा कि राज्य के विकास हेतु बाबा का आशीर्वाद सदैव मिले यही कामना है। उन्होंने प्रदेशवासियों को 25 दिसम्बर को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करना हमारी सबसे जिम्मेदारी है। पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप बन चुका है, और हम कोशिश करेंगे कि इसे जल्दी से जल्दी विधानसभा में पेश कर पारित कराया जा सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पूरा देश कोरोना संकट काल में मंदी से प्रभावित था, जबकि छत्तीसगढ़ मंदी से अछूता रहा। मनरेगा, वनोपज खरीदी जैसी योजनाओं से बेरोजगारी की दर घटाकर दो प्रतिशत तक लाने का छत्तीसगढ़ में उदाहरण पेश किया।
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में कहा कि आम जनता, किसानों, आदिवासियों और कमजोर तबकों का सशक्तिकरण छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल की प्रमुख विशेषता है। दो वर्षों में जनता की भावनाओं, आकांक्षाओं, उम्मीदों को आत्मसात कर शासन और प्रशासन को समाधान के विषयों में संवेदनशील बनाने का राज्य सरकार ने प्रयास किया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देकर लोगों के मन में अपनी संस्कृति और अस्मिता को लेकर गौरव का भाव फिर से जगाया। राज्य सरकार की नीतियों का उद्योग और व्यापार जगत में भी सकारात्मक असर दिखा। औद्योगिक इकाईयों में भी 1500 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। कृषि और वानिकी उपजों में वेल्यू-एडीशन के राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए प्रयासों से प्रदेश की समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में कहा कि हर अंचल की अपनी परंपराएं और संस्कृति हैं। छत्तीसगढ़ी व्यक्ति का मूल स्वभाव अपनी परंपराओं और संस्कृति के साथ जीने का है। राज्य बनने के बाद यह उम्मीद थी कि प्रदेश का विकास अपनी सांस्कृतिक जड़ों से ही होगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हमने अपने परंपरागत पर्वों, त्यौहारों का गौरव लौटाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें सरकार की बागडोर मिली तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय की परंपरा को छत्तीसगढ़ में फिर से जीवित करने की थी, जिसकी लौ डेढ़ दशकों में कमजोर हो गई थी। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने हमारी उदार, समन्वयकारी, सद्भावी और विकासपरक नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों पर अटूट विश्वास प्रकट किया और इन दो सालों को, न्याय की पुनसर््थापना और विस्तार का समय बनाने में हमारी मदद की।
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में कहा कि आम जनता, किसानों, आदिवासियों और कमजोर तबकों का सशक्तिकरण छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल की प्रमुख विशेषता है। दो वर्षों में जनता की भावनाओं, आकांक्षाओं, उम्मीदों को आत्मसात कर शासन और प्रशासन को समाधान के विषयों में संवेदनशील बनाने का राज्य सरकार ने प्रयास किया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देकर लोगों के मन में अपनी संस्कृति और अस्मिता को लेकर गौरव का भाव फिर से जगाया। राज्य सरकार की नीतियों का उद्योग और व्यापार जगत में भी सकारात्मक असर दिखा। औद्योगिक इकाईयों में भी 1500 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। कृषि और वानिकी उपजों में वेल्यू-एडीशन के राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए प्रयासों से प्रदेश की समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में कहा कि हर अंचल की अपनी परंपराएं और संस्कृति हैं। छत्तीसगढ़ी व्यक्ति का मूल स्वभाव अपनी परंपराओं और संस्कृति के साथ जीने का है। राज्य बनने के बाद यह उम्मीद थी कि प्रदेश का विकास अपनी सांस्कृतिक जड़ों से ही होगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हमने अपने परंपरागत पर्वों, त्यौहारों का गौरव लौटाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें सरकार की बागडोर मिली तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय की परंपरा को छत्तीसगढ़ में फिर से जीवित करने की थी, जिसकी लौ डेढ़ दशकों में कमजोर हो गई थी। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने हमारी उदार, समन्वयकारी, सद्भावी और विकासपरक नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों पर अटूट विश्वास प्रकट किया और इन दो सालों को, न्याय की पुनसर््थापना और विस्तार का समय बनाने में हमारी मदद की।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि मोटे तौर पर देखें तो आम जनता का सशक्तीकरण, किसानों, आदिवासियों और कमजोर तबकों को ताकत देना हमारे विकास मॉडल की मुख्य विशेषता है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम प्राथमिक क्षेत्र के साथ उद्योग, व्यापार जगत को भी सही दिशा में ले जाने में सफल हुए हैं। विगत दो सालों में 887 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, 15 हजार करोड़ रूपए का पूंजी निवेश और 15 हजार 400 लोगों को इन उद्योगों में रोजगार मिलना उत्साहजनक है। मनरेगा में 25 लाख से अधिक लोगों को हर रोज काम देने का उदाहरण है, बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत तक लाने का उदाहरण भी है। हम चाहेंगे कि हमारी नई औद्योगिक नीति से आदिवासी अंचलों में भी तेजी से उद्योग लगे और क्षेत्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त हो, वहीं रोजगार के नए-नए अवसर बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना तो प्रतीक है कि किस तरह हमने सर्वहारा के हक में एक साहसिक कदम उठाया है। गोबर बेचकर भी अगर कहीं धन कमाया जा सकता है, तो वह आज सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो रहा है। हर माह औसतन लगभग 15 करोड़ रूपए की सरकारी खरीद हो रही है, जिसके कारण 4 माह में लगभग 60 करोड़ रूपए पशुपालकों के जेब में गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यूनिवर्सल हेल्थ केयर का वादा किया था और दो वर्ष के भीतर हमने बीमा कंपनियों की जगह राज्य की पहल और अनुशासन से देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाएं डॉ. खूबचंद बघेल योजना तथा मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना संचालित करके, एक बड़ा सपना साकार किया है। जिसमें पात्रता अनुसार 50 हजार से 20 लाख रूपए तक का इलाज मरीजों को निःशुल्क मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ऊंची गुणवत्ता की शिक्षा दिलाने का इंतजाम किया गया है। पढ़ाई तुंहर दुआर योजना के माध्यम से 40 लाख ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई और जहां ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कते थीं, वहां पारों-मोहल्लों-हाट-बाजारों में लाउडस्पीकर, ब्ल्यू-टूथ आदि का सहारा लेकर बच्चों को पढ़ाया। इंग्लिश मीडियम का हव्वा समाप्त हो जाए, इसके लिए हमने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना शुरू की। जिसके तहत एक वर्ष में 52 और अगले वर्ष के लिए भी 100 ऐसे सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है। सर्वसुविधायुक्त शालाओं के रूप में उन्नयन का काम भी चल रहा है।
Next Story