छत्तीसगढ़

चौक-चौराहे, उद्यान हर कहीं चिलम खींचने वालों का ठीहा

Admin2
30 Nov 2020 6:32 AM GMT
चौक-चौराहे, उद्यान हर कहीं चिलम खींचने वालों का ठीहा
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जगह-जगह खुलेआम पुलिस के आंख के नीचे गांजे की हो रही बिक्री

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी के जी ई रोड के केनाल चौक पर एक बुजुर्ग और नाबालिग बच्चा हर शाम बैठकर गांजा पीते नजऱ आते है बावजूद पुलिस पर इनकी नजऱ नहीं पड़ती है। रिहायशी इलाकों में से एक केनाल रोड चौक में एक बुजुर्ग जिसकी उम्र लगभग 58 से 60 साल और एक नाबालिग बच्चा दोनों वहां बैठकर गांजे के धुएं उड़ाते है। मगर उन पर किसी की नजऱ नहीं पड़ती। शहर में ऐसे कई जगह है जहां पर लोग गांजे का सेवन करते है और वहां से गुजरने से ही पता चल जाता है कि लोग गांजे का सेवन कर रहे है। शहर में इन दिनों गांजे का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है, शहर सहित गांव की गलियों में बिक रही नशीली वस्तुएं युवाओं की जिंदगी को तबाह कर रहा हैं। आलम यह है कि शहर में जगह-जगह खुलेआम पुलिस-प्रशासन के आँख के नीचे गांजे की बिक्री हो रही है। शहर के गली मोहल्लों में गांजा आसानी से मिल रही है। यही वजह है कि गांजे का अवैध कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद हैं। शहर के बड़े घराने के युवा इसकी चपेट में आ चुकें है और रोजाना मरीन ड्राईव के आस-पास अलावा शहर के पार्को में शाम ढलते ही गांजे की चीलम से धुंआ उड़ाते हुए युवाओं की टोलियां दिखाई देती है। खुलेआम मिल रहे गांजे की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है।

गांजा के साथ और भी अवैध कारोबार का बना गढ़ : इन सब के बीच गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अड्डे बना लिए हैं। दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही हैं।उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है। पुलिस को छुटभैय्या नेताओं के चलते कार्रवाई करने से रोका जाता है। पूरे लॉकडाउन में जमकर नोट छापा है। नशा का हर सामान यहां मिल जाएगा। आज के समय में हो रहे अपराध के तरीके भी नए-नए रूप लेते जा रहा हैं। राजधानी में बढ़ते अपराध और अपराधियों के नए तौर-तरीके देखते हुए पुलिस ने आधुनिक तकनीक अपनाई है, और उसका इस्तेमाल कर पुलिस ने अपराधियों को मात देना शुरू कर दिया है।

गैंग की मीटिंग में भी गांजे का इस्तेमाल

शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कई वर्षों से गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा हैं। गांव-गांव तक फैला यह व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा हैं। नशे के इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट बनाया गया है, लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग गांजे की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा पा रही हैं। गांजा का खुलेआम कारोबार कर रहे आपराधिक तत्व पूरे गली मौहल्ले में पैर पसार चुके है। चौक में ही असामाजिक तत्वों का मजमा लगा रहता हैं। दिन-रात यहां गैंगस्टर और बड़े निगरानी शुदा बदमाश आना-जाना रहता है यहां तक वे फरारी भी यहीं काटते हैं। हर दिन शाम को रक्सेल गैंग, तंजील गैंग, रवि साहू गैंग की मीटिंग होती हैं और इस मीटिंग में सभी शामिल होकर गांजा और शराब की पार्टी उड़ाते है। इस पूरे मामले की जांच में पाया कि पुलिस के नाक के नीचे से अपराधी मीटिंग करते हैं और अपने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते है।

मरीन-ड्राइव के आस-पास का इलाका बना गांजा स्ट्रीट

अक्सर देखा जाता है कि नशे के आदी व्यक्ति कहीं भी चिलम सुलगाने लगते है। चाहे वह सार्वजनिक स्थान हो या फिर खुला मैदान, इतना ही नही इस तरह का नशा करने वाले लोग सडक़ के किनारे भी बैठ कर चिलम चढ़ाने लगते हैं। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों शहर के बीचोंबीच मरीन-ड्राइव के आस-पास मूर्ति के पास बने गार्डनों में गंजेडिय़ों की पहली पसंद है जहां सूरज ढलते ही गांजे की कश लगाने वालों को आसानी से देखे जा सकता है जिनमें ज्यादातर छोटे तबके के लोगों के अलावा शहर के रसूखदारों की भी बराबर मौजूदगी रहती है। पर विडंबना यह है कि मरीन-ड्राइव से सटे हुए है।

शहर के इन जगहों पर हो रही खुलेआम बिक्री

वैसे तो पूरे शहर में गांजे के शौकीनों को आसानी से गांजा मुहैया हो जाता है, लेकिन गांजे का अवैध कारोबार शहर में मुख्य रूप से जेल-पारा जूटमिल रोड, नये शनि मंदिर के पास, इंदिरा नगर की निचली बस्ती व इंडियन स्कूल के क्षेत्र में गांजे के कई अड्डे स्थित है जहाँ 24 घंटे खुलेआम गांजे की बिक्री होती है। प्रतिमाह लाखों रूपए का हो रहा है गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम नशे के नाम पर मौत की पुडिय़ा बेच रहे है। एक अनुमान के मुताबिक शहर व शहर से लगे आस-पास के ग्रामीण इलाकों में प्रतिमाह लगभग 20-30 लाख रुपये की गांजे की बिक्री हो रही है जिसकी एक ही वजह संभव है या तो गांजे का अवैध कारोबार छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा है ऐसे में शहर का हित नहीं माना जा सकता है। जो संगठन सामाजिक संगठन है जो ऐसे नशे के पार्टियों का आयोजन करती है जिसे रोकना पुलिस के हाथ में भी संभव नहीं हो पाता।

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