छत्तीसगढ़

च्वाइस सेंटर संचालक के बेटे का यूपीएससी में हुआ चयन, बताया सफलता की कहानी

Nilmani Pal
25 Sep 2021 10:47 AM GMT
च्वाइस सेंटर संचालक के बेटे का यूपीएससी में हुआ चयन, बताया सफलता की कहानी
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रायपुर। केन्द्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 2020 के परीक्षा परिणाम (Exam Result) घोषित कर दिए हैं. इस परीक्षा में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के युवाओं ने भी सफलता हासिल की है. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2019 की परीक्षा में 9वां रैंक लाने वाले आकाश शुक्ला का चयन यूपीएससी में हुआ है. आकाश शुक्ला (Akash Shukla) का यूपीएससी में 427वीं रैंक मिली है. बीते शनिवार की शाम को जारी इस परीक्षा परिणाम के बाद आकाश के घर व परिवार के लोगों में खुशियों की लहर है. मूलत: महासमुंद (Mahasamund) जिले के पटेवा के रहने वाले आकाश राजधानी रायपुर (Raipur) में ही रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. सीजीपीएसी 2019 का परिणाम इसी महीने 17 सितंबर को घोषित किया गया था, जिसमें डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट के लिए उनका चयन हुआ है.

छत्तीसगढ़ के एक अन्य अभ्यर्थी रायपुर से ग्रेजुएशन करने वाले आकाश श्रीश्रीमाल का भी चयन यूपीएससी 2020 में हुआ है. आकाश श्रीश्रीमाल को देशभर में 94वीं रैंक मिली है. वे दिल्ली में ही रहकर तैयारी कर रहे थे. 5 बहनों में सबसे छोटे आकाश कहते हैं कि को यूपीएससी की प्रेरणा इंजीनियरिंग के दौरान रुरल प्रोजेक्ट पर काम करते हुए उन्हें मिली थी. आकाश एनआईटी रायपुर के छात्र रहे हैं. उन्होंने यहां से बीटेक की पढ़ाई की है. वे मूलत: कवर्धा (Kawardha) के रहने वाले हैं. बहरहाल छत्तहीसगढ़ से चयनित इन दोनों अभ्यर्थियों को आईएएस मिलने की उम्मीद बेहद कम है, क्योंकि वे जनरल कैटेगरी से हैं. श्रीश्रीमाल ने मीडिया से चर्चा में बताया, टॉपर्स के नोट्स और वीडियोज देखकर अपने हिसाब से स्ट्रैटजी बनाई. प्री और मेंस की कम्बाइन तैयारी की. कोविड के चलते प्री की तारीख 4 महीने आगे बढ़ी तो मैंने उस टाइम को यूटिलाइज किया. मिनिमम मटेरियल और मैग्जिमम आउटपुट मेरा फंडा था. एनआईटी के पहले साल में यूएस से आई एनआईटी की एलुमिनी टीम के साथ मुझे रुरल इलाकों में जाने का मौका मिला.

महासमुंद जिले के पटेवा के आकाश शुक्ला को यूपीएससी में एआईआर 427 मिली है. वे रायपुर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. आकाश ने मीडिया को पिता च्वॉइस सेंटर चलाते हैं. बारहवीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय सराईपाली से हुई. इसके बाद 2015 में एनआईटी से बीटेक किया. डेढ़ साल एनआईटी में ही टीचिंग असिस्टेंट की जॉब की. इसी दौरान वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते रहे.

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