छत्तीसगढ़

परीक्षा परिणाम के भय से तनाव व दबाव महसूस न करें बच्चे: कलेक्टर

Shantanu Roy
30 April 2024 6:24 PM GMT
परीक्षा परिणाम के भय से तनाव व दबाव महसूस न करें बच्चे: कलेक्टर
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राजनांदगांव। कलेक्टर अग्रवाल की उपस्थिति में परीक्षा परिणाम से बच्चों के मन में उत्पन्न निराशा और तनाव को दूर करने शिक्षकों एवं पालकों के लिए जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग राजनांदगांव के संयुक्त तत्वावधान में जिला पंचायत के सभाकक्ष में दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, सीईओ जिला पंचायत सुरूचि सिंह, डीएफओ आयुष जैन, मुख्य वक्ता सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज भिलाई के चिरंजीव जैन एवं संदीप जैन उपस्थित थे। दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम से जिले के विभिन्न स्कूलों एवं विकासखंड शिक्षा कार्यालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से शिक्षक, पालक जुड़े रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों, पालकों एवं बच्चों की जिज्ञासाओं एवं उनके प्रश्नों का समाधान मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने शिक्षकों व पालकों से कहा कि बच्चों की कभी भी अन्य बच्चे से तुलना न करें, बच्चों को दुखी न करें और उन्हें हमेशा खुश रखना है। उनकी रूचि और भावनाओं को समझना है तथा संतुलन बनाए रखना है। बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले हैं। जिसके कारण वे तनाव एवं दबाव महसूस कर सकते हैं। इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहना है और घबराना नहीं है। अभिभावकों को समझना होगा कि उनके बच्चे ने बहुत अच्छा किया है। उन्होंने पालकों से कहा कि बच्चों की अभिरूचि को समझना होगा और उसी के अनुरूप पढ़ाई करानी चाहिए। आज विभिन्न क्षेत्र में कैरियर के लिए अच्छे अवसर हैं। बच्चे को उसकी रूचि के क्षेत्र की तैयारी कराना चाहिए। जिसमें उसका मन लगे और उसकी इच्छा हो। उस क्षेत्र में वह बहुत अच्छा कार्य कर सकते है। पढऩा एक जीविकोपार्जन का साधन नहीं है। जीवन की सफलता परीक्षा परिणाम से नहीं होती है। ये सिर्फ क्वालिफाई के लिए होती है। बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बच्चों को आसान तरीके से पढऩे की समझाइश दी। समय पर रिविजन एवं ग्रुप स्टडी जैसे माध्यम से पढ़ाई करने पर तनाव नहीं होता है। बच्चे बेहतर करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि दबाव किसी भी तरह का नहीं होना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि अभी के समय में प्रतियोगिता बढ़ी है, तो तनाव भी बढ़ा है। इंटरनेट, स्मार्ट क्लास, सोशल मीडिया आने के बाद हर बच्चे के पास रिसोर्स है। उसकी वजह से प्रतियोगिताएं बढ़ी है और तनाव भी बढ़ा है। कोई भी परीक्षा इतनी महत्वपूर्ण नहीं होती जो आपके जीवन से बड़ा हो। उन्होंने बच्चों से कहा कोई भी परीक्षा या कोई भी क्षेत्र जीवन से बड़ा नहीं होता है। जीवन अमूल्य है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी क्षेत्र में फेल जरूर होते हैं। मेहनत करने के लिए जीवन में समय मिलता है। बच्चों में भावनात्मक विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज अच्छा नहीं कर पाए हैं तो, कल जरूर अच्छा कर पाएंगे।
जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह ने कहा जीवन में प्रतियोगिता हमेशा रहेगी। जीवन में परीक्षा से तनाव रहता है यह जीवन का हिस्सा है इससे सीखना होगा। यह ऊर्जा देता है, पढ़ाई जरूर करना है। नकारात्मक सोच नहीं रखना चाहिए। सभी के जीवन में तनाव रहता है। बच्चों को इससे सीखना होगा। उन्होंने कहा कि अभिभावक या परिवार का कोई भी सदस्य बच्चों के साथ कुछ समय बितायेंगे तो बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। उनकी बातों को समझ सकते हैं। उनकी इच्छाओं को जान सकते हैं। जिससे उनकी रूचि के अनुरूप कार्य किया जा सकता है। बच्चों के नकारात्मक सोच को दूर कर सकते हैं। बच्चों में किसी भी तरह से दबाव नहीं डालना चाहिए। उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें अच्छे सपने देखने देना चाहिए। उसे प्राप्त करने की लालसा बढ़ाना चाहिए। वनमंडलाधिकारी आयुष जैन ने कहा सपने देखना चाहिए। उसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी। जिसमें रूचि है उसी विषय को लेना चाहिए। बच्चों के लिए 3 बातों को ध्यान रखना चाहिए। अच्छा हार्डवर्क, अच्छी दिशा और आनंद लेकर सफलता पा सकते हैं। बच्चों में एक कैरियर विकल्प नहीं होना चाहिए।
सचदेवा न्यूपीटी कॉलेज भिलाई के संचालक चिरंजीव जैन ने कहा कि पालक बच्चों के साथ कम से कम एक घंटे का समय बितायें। उन्होंने बच्चों को मित्र बनाने कहा। उन्हें खुलने का समय देने कहा। बच्चों को अभिभावकों में संवाद स्थापित करने कहा। जिससे बच्चों की रूचि, इच्छा, उनकी सोच से परिचित हो सकें। उन्होंने कहा बच्चों के ऊपर दबाव नहीं डालना चाहिए उन्हें तनाव से दूर रखना चाहिए। पालकों को बच्चों की योग्यता और उसकी क्षमता को पहचानना चाहिए। उसी के आधार पर बच्चों को समझाईश दिया जा सकता है। सचदेवा न्यूपीटी कॉलेज भिलाई के संदीप जैन ने भी शिक्षकों एवं पालकों को बच्चों में होने वाले तनाव के कारण और उसके समाधान के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल, परियोजना अधिकारी रश्मि सिंह, डीएमसी सतीश ब्यौहारे सहित अन्य अधिकारी एवं शिक्षक, पालक, विद्यार्थी उपस्थित थे।
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