![आंगनबाड़ी से आठवीं तक के बच्चे हुए शामिल आंगनबाड़ी से आठवीं तक के बच्चे हुए शामिल](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/05/16/3731090-untitled-14-copy.webp)
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रायगढ़। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में खरसिया विकासखंड अंतर्गत अंजोरीपाली संकुल के ग्राम छोटे मुड़पार में आंगनबाड़ी से आठवीं तक के बच्चों का सीखना-सिखाना केंद्र में समर कैम्प का आयोजन अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। जिसमें प्रतिदिन 20 से 41 बच्चों ने उपस्थिति दर्ज की गई। सीखना-सिखाना केंद्र के हर दिवस को चार विभिन्न हिस्सों मे बाँटा गया पहला सर्कल टाइम ऐक्टिविटी-इसमें बच्चों के साथ हिन्दी एवं अंग्रेजी के बालगीत को हाव-भाव और अभिनय के साथ रोजाना गाया जाता था एवं उस दिवस में होने वाले क्रियाओं पर बातचीत की जाती थी। इसमे रोजाना बच्चों के साथ आज की बात भी की जाती थी। इस प्रक्रिया से बच्चों के अंदर अपने आप को सभी के समक्ष बिना किसी हिचक रखने का मौका दिया जा रहा था, जिससे की उनमे आत्मविश्वास बढ़े, साथ ही अभिव्यक्ति की दक्षता का विकास हो सके।
दूसरा-भाषा की दुनिया-इसके अंतर्गत स्थानीय कहानी का वाचन, अभिनय, हाव-भाव से किसी टीएलएम के माध्यम से प्रस्तुत करना, हस्तपुस्तिका निर्माण व लेखन हेतु सुझाव, बच्चों से पहले दिन सुनी गई कहानी को पुन: सुनना, उस कहानी में आए शब्दों को लेकर बात करना, इसी तरह की किसी अन्य कहानी का लेखन, रचनात्मक लेखन के अवसर देना, किसी थीम पर लिखना जैसे खेत, तालाब, नदिया, बादल आदि। बच्चों को स्थानीय त्यौहारों के संबंध में व्यक्तव्य देने के लिए आमंत्रित करना एवं उनके स्थानीय परिवेश के संबंध में बनने वाली समझ को परिपुष्ट करना। इसमे हिंदी एवं गणित दोनों ही भाषा पर विभिन्न गतिविधियों की माध्यम से कार्य किया गया। इससे बच्चों के अंदर बौद्धिक क्षमता का विकास, लेखन कौशल मे विकास, पढऩे-लिखने की क्षमता का विकास, नवीन शब्दों को सीखने की प्रक्रिया को ध्यान दिया गया।
साथ ही स्थानीय परिवेश से बच्चों को जोडऩे का अभिनव पहल है। तीसरा-गणित के खेल-गणित के अंतर्गत संख्या पूर्व अवधारणा, 1 से 20 तक की संख्याओं को लिखकर उसके ऊपर संख्या अनुसार कंचे या कंकड़ जमाना और संख्या पहचान, जोड़, घटाव, गुणा, आकार एवं स्थानिक समझ, मापन आदि जैसे विभिन्न अवधारणाओं पर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कार्य किया गया जैसे की कार्यपुस्तिका, आइ हैव-यू हैव गतिविधि आदि। चौथा-कला की दुनिया- इसके अंतर्गत बच्चों को रचनात्मक तौर पर स्वतंत्र किया गया जिसमे उन्होंने अपने मान की कल्पना को विभिन्न कलाओं द्वारा कागज पर उतारा। जैसे-पत्तों से कलाकारी, सब्जियों से चित्रकारी, रंगीन चावल की कला, मिट्टी का खिलौना निर्माण, अपनी अंगुली और अंगूठे से चित्रकारी, ऑरगामी वर्क, धागे से विभिन्न डिजाइन बनाना, मुखौटा निर्माण कर उस पर नाटक प्रस्तुत करना आदि। अंतिम दिवस बच्चों द्वारा किए गए कार्यों की एक प्रदर्शनी भी रखी गई जिसमे बच्चों के पालक भी शामिल हुए। इस पूरे समर कैम्प के आयोजन में ग्राम के यादराम पटेल का पूरा सहयोग मिला।
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Shantanu Roy
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