छत्तीसगढ़
पोषण पुनर्वास केन्द्रों से कुपोषण के कुचक्र से बाहर निकलते बच्चे
Shantanu Roy
14 Jun 2023 12:49 PM GMT
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छग
रायगढ़। देश व समाज की अमूल्य पूंजी उसका मानव संसाधन होती है, जिससे समाज का विकास परिलक्षित होता है। यहीं दूरगामी सोच राज्य शासन की योजनाओं में भी दिखाई दे रही है। जो बच्चों को शत-प्रतिशत सुपोषित कर स्वस्थ समाज बनाने की संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। शासन द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, पूरक पोषण आहार के साथ ही पोषण पुनर्वास केन्द्र भी संचालित किए जा रहे है। जहां गंभीर कुपोषित बच्चों को रखकर उनका उपचार किया जाता है व उनकी देखरेख होती है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बच्चों के कुपोषण मुक्ति को लेकर लगातार विभागीय कामकाज की समीक्षा कर रहे है। स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग की बैठकों में कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्रों के सुचारू संचालन पर उनका विशेष जोर रहता है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कोई भी बेड खाली ना रहे इसके विशेष निर्देश कलेक्टर श्री सिन्हा ने दे रखे है।
उनके पहल पर तमनार में भी पोषण पुनर्वास केन्द्र प्रारंभ हाल ही में शुरू हो गया है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों को एक निश्चित दिन तक विशेष निगरानी में उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है। जहां 6 माह से 5 साल तक के गंभीर कुपोषित बच्चों को प्राथमिक रूप से 15 दिन तक भर्ती कराकर उन्हें पोषण युक्त आहार देकर डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जाता है तथा अति गंभीर कुपोषित होने पर बच्चों को 21 दिन तक भी रखा जाता है। इस दौरान भर्ती किये जाने वाले बच्चों का स्पेशल डाइट चार्ट तैयार किया जाता है। जिसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज तत्व युक्त भोजन आहार विशेषज्ञ द्वारा तैयार किया जाता है। साथ ही यहां उन्हें नि:शुल्क दवाइयाँ भी प्रदान किया जाता है। प्रतिदिन बच्चों का वजन कर उसी के हिसाब से उनको भोजन एवं दवाइयाँ दी जाती है। एनआरसी से बच्चे की छुट्टी होने के बाद बच्चे का प्रत्येक 15 दिन में कुल 4 बार फॉलोअप भी किया जाता है।
2 हजार बच्चों को मिला नया जीवन
जिले में गंभीर कुपोषित बच्चों को बेहतर ढंग से सुपोषित करने के उद्देश्य से जिले के रायगढ़, खरसिया, धरमजयगढ़, तमनार, लैलूंगा, कापू में पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) का संचालन किया जा रहा है। जिससे जिले के गंभीर कुपोषित बच्चे लाभान्वित हो रहे है। इसके साथ भी आवश्यकतानुसार जिले के अन्य स्थानों में भी पोषण पुनर्वास केन्द्र तैयार करने की योजना बनायी जा रही है। जिसमें अब तक अप्रैल 2023 की स्थिति में 2 हजार 193 गंभीर/अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को उपचार के बाद नया जीवन मिला है।
बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन का होता है इंतजाम, पालकों की होती है काउंसलिंग
एनआरसी में रसोई एवं शौचालय की सुविधा भी मौजूद है। साथ ही केन्द्रों का माहौल बच्चों के अनुकूल तैयार किया जाता है। बच्चों के मनोरंजन एवं खेलकूद की यहां समुचित व्यवस्था होती है। बच्चे के साथ एनआरसी आने वाली उनकी माता या उनके साथ आने वाले परिजनों को भी दिन में 2 समय भोजन और प्रतिदिन 150 रुपया के हिसाब से 2250 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाता है। कुपोषण को दूर करने में सही जीवन शैली व खानपान का विशेष महत्व होता है। जिसे ध्यान रखते हुए यहाँ प्रतिदिन स्टॉफ नर्स के द्वारा माताओं की काउंसलिंग की जाती है। जिसमें उन्हें बच्चों के देखरेख, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता से संबंधित जानकारी दी जाती है।
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Shantanu Roy
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