छत्तीसगढ़

बच्चे समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है: SP रजनेश सिंह

Shantanu Roy
25 July 2024 10:52 AM GMT
बच्चे समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है: SP रजनेश सिंह
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Bilaspur. बिलासपुर। पुलिस आपकी दोस्त है और पुलिस से कभी भी डरने की आवश्यकता नहीं है। पुलिस जब आपके आसपास होती है तो हर किसी को एक सुरक्षा की अनुभूति होती है। रात को जब सभी सो रहे होते हैं तब पुलिस वाले आपके लिए जागते हैं आपकी सुरक्षा के लिए। उक्त व्यक्तव्य ब्रह्माकुमारीज़ बिलासपुर के मुख्य सेवाकेंद्र राजयोग भवन के तत्वाधान में बाल भारती स्कूल सीपत के बच्चों की एनटीपीसी सीपत कला निकेतन ऑडिटोरियम में साइबर की पाठशाला के मुख्य अतिथि बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कही। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि अब बच्चों को स्मार्ट मोबाइल उपयोग करने के पहले उनके पेरेंट्स को एक ऐप दिया जाएगा। जब वह बच्चे उस एप के द्वारा दिए गए कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर सही देंगे उसके बाद ही उन्हें मोबाइल उपयोग करने के लिए दिया जाएगा। जिससे बचपन से ही बच्चे साइबर फ्रॉड के प्रति सजग रहेंगे और कभी भी उनसे कोई गलती नहीं होगी। आप बच्चे समाज के बहुत महत्वपूर्ण अंग है। आपको सही और गलत को समझना बहुत आवश्यक है। 2000 व्यक्तियों के लिए एक पुलिस कांस्टेबल के ऊपर सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है और यह बहुत चुनौती पूर्ण होता है।


इसके लिए हम जितना अपराध को कम करेंगे, उतनी ही यह चुनौती कम होगी। पुलिस अधीक्षक से बच्चों ने साइबर से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे और उन्होंने उतनी ही सरलता से सभी बच्चों को उनके प्रश्नों का जवाब दिया।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अर्चना झा ने बच्चों को साइबर फ्रॉड के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पहले तो बच्चों को मोबाइल उपयोग ही नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपको पढ़ाई के लिए जितनी भी सामग्री की आवश्यकता है वह सब आपकी किताबों में एवं आपके शिक्षकों के द्वारा आपको मिल सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यदि कोई 4 घंटा प्रतिदिन मोबाइल का उपयोग करता है तो 7 वर्ष में निश्चित ही उसके दिमाग में कोई ना कोई बीमारी अवश्य होगी, और यदि कोई प्रतिदिन 7 घंटा मोबाइल का उपयोग करता है तो 4 वर्ष के अंदर ही उसके दिमाग में किसी न किसी प्रकार की व्याधि अवश्य उत्पन्न होने लगेगी। आपका मोबाइल चलाना आपके मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं है। आंखें भी खराब होती हैं। शारीरिक रूप से भी आप बीमार होते हैं, क्योंकि आउटडोर गेम्स शरीर को स्वस्थ रखते हैं। मोबाइल के द्वारा शरीर निष्क्रिय होता है जिससे बच्चे जल्दी बीमार होते हैं।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा टेलीफोन क्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति ने कहा कि विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन की नींव रखता है।


यदि आपकी नींव मजबूत है, तो इमारत भी मजबूत होगी। कमजोर नींव इमारत को खड़ा नहीं कर सकती। विद्यार्थी जीवन हमें नैतिक मूल्यों को अपनाने के साथ-साथ, व्यवहारिक, सामाजिक व्यवहार करना सिखाता है। विद्यार्थी जीवन पाना कितना सौभाग्यशाली है। बहुत से बच्चे इसका सपना तो देखते हैं, लेकिन कभी नहीं पा पाते। इसलिए, अगर किसी को शिक्षा मिल जाए, तो उसे इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। विद्यार्थी जीवन हमेशा खुशियों से भरा और आसान नहीं होता, लेकिन यह सार्थक होता है। यह हमें जीवन के पथ पर आगे बढ़ने और ईमानदारी, धैर्य, दृढ़ता और अन्य गुणों को प्राप्त करने में मदद करता है। हमारा विद्यार्थी जीवन हमारे भविष्य के जीवन में बहुत कुछ निर्धारित करता है। विद्यार्थी जीवन को ‘स्वर्णिम जीवन’ कहते हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए दीदी ने बताया कि इतने संघर्षों के बाद भी उन्होंने जीवन से कभी हार नहीं मानी और अपने जीवन को सर्वोच्चता की ऊंचाई तक ले कर गये। इसलिए जीवन में संघर्ष तो होगा। जब तक पत्थर पर हथौड़े ना पड़े तब तक पत्थर भी भगवान नहीं बनता है। कभी भी किसी भी प्रकार की स्थिति से डरना या घबराना नहीं है बल्कि उसका सामना करना है।इससे पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह , एएसपी बहन अर्चना झा , राजयोग सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी, सीजीएम एनटीपीसी विजय कृष्णा पांडेय, एचओडी एचआर एनटीपीसी जयप्रकाश सत्यकाम जी, लायंस क्लब एम्बेसडर लायन भ्राता कमल छाबड़ा, प्राचार्य शलभ निगम ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रचलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया स्कूल के प्राचार्य शलभ निगम के द्वारा अतिथियों को पौधा देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में 500 से अधिक बच्चों ने साइबर की पाठशाला का लाभ लिया।
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