छत्तीसगढ़

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने खरीफ कार्यक्रम एवं आदान के भण्डारण वितरण की समीक्षा की

Admin2
7 Jun 2021 4:33 PM GMT
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने खरीफ कार्यक्रम एवं आदान के भण्डारण वितरण की समीक्षा की
x

रायपुर। प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और प्रदेश के करीब 75-80 प्रतिशत किसान खेती में संलग्न हैं। प्रदेश के खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए समय पर बीज, उर्वरक, फसल ऋण, इत्यादि किसानों को समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा आज मंत्रालय महानदी भवन से खरीफ कार्यक्रम एवं आदान व्यवस्था के भंडारण-वितरण के संबंध में वर्चुअल समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त, विशेष सचिव सहकारिता, प्रबंध संचालक मार्कफेड, प्रबंध संचालक बीज निगम, आयुक्त कृषि एवं प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक, प्रबंध संचालक, बीज प्रमाणीकरण संस्था उपस्थित थे।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता कृषि द्वारा प्रदेश खरीफ 2021 में 48.20 लाख हेक्टेयर में अनाज, दलहन, तिलहन फसल लेने के संबंध में जानकारी दी गई तथा यह भी अवगत कराया गया कि उक्त क्षेत्र में से 3.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित धान, जिंक धान, जैविक धान, मक्का, कोदो-कुटकी-रागी, दलहन, तिलहन इत्यादि फसल लेने का विशेष कार्यक्रम लिया गया है। कार्यक्रम हेतु बीज एवं उर्वरक का आंकलन किया गया है, जिसमें लगभग विभिन्न फसलों के 11.08 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता के विरूद्ध बीज निगम द्वारा 9.34 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। शेष 1.74 लाख क्विंटल बीज स्थानीय स्तर पर किसानों के माध्यम से व्यवस्था करने की जानकारी दी गई। अभी तक 4.69 लाख क्विंटल बीज का भंडारण समितियों में किया जाकर लगभग 1.56 लाख क्विंटल का बीज वितरण किया गया है।

खरीफ 2021 के लिये राज्य में उर्वरक वितरण का लक्ष्य 11.75 लाख मे. टन के विरूद्ध अद्यतन 8.14 लाख मे.टन उर्वरक सहकारी एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से भंडारण कराया गया है, अभी तक 1.57 लाख में.टन वितरण किया गया है। मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान बीज एवं उर्वरक भंडारण-वितरण की समीक्षा में विगत वर्ष की तुलना में कम प्रगति पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देशित किया गया कि कोविड-19 के कारण भंडारण-वितरण में जो कमी आई है उसकी प्रतिपूर्ति करने के लिये फसल ऋण वितरण की कार्यवाही सक्रिय रूप से की जाये एवं इसके लिये विशेष प्रचार-प्रसार चौपाल इत्यादि के माध्यम से कर कृषकों को समय पूर्व आदान सामग्री यथा बीज, उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन कर भंडारण की कार्यवाही सुनश्चित करने के निर्देश दिये गये।

प्रबंध संचालक, मार्कफेड द्वारा उर्वरकों के विक्रय दर में वृद्धि के संबंध में अवगत कराया गया, जिसमें यह भी कहा गया कि उर्वरकों के इंग्रिडियेंट के विश्व बाजार में कीमत अधिक होने के कारण फॉस्फेटिक एवं पोटाशयुक्त उर्वरक की दर में वृद्धि हुई है, जिसे भारत सरकार द्वारा पुनः 20 मई से दर संशोधित कर दी गई है। उक्त संबंध में मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि दर संशोधन के आधार पर नियमानुसार कृषकों को उर्वरक विक्रय करने हेतु जानकारी समितियों में दी जाये।

कृषकों के द्वारा उर्वरक का उपयोग खेत में आधार खाद के रूप में बोनी पूर्व किया जाता है जिसके लिये पर्याप्त मात्रा में उर्वरक समितियों में भंडारण कराया जावे, इसका भी आंकलन कर आवश्यकतानुसार समितियों में उर्वरक का भंडारण युद्ध स्तर पर किया जावे, जिससे कि खेती की तैयारी में किसी प्रकार की कमी न हो। प्रदेश में व्यापक पैमाने में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का भी विभिन्न समितियों में भंडारण कर ऋण वितरण के द्वारा किया जा रहा है। कृषकों को वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उपयोग से लाभ के संबंध में समझाईश दी जावे।

मुख्य सचिव ने शत-प्रतिशत बीज, उर्वरक, वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का उपयोग खेती में सुनिश्चित हो सके इस संबंध में उन्होंने निर्देशित किया गया कि कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, संचालक कृषि, मार्कफेड, अपेक्स बैंक की वरिष्ठतम अधिकारी प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा करेंगे एवं चर्चा कर समस्या का निराकरण करायेंगे। आदान सामग्रियों की कमी क्यों है कमी के संबंध में भी समुचित कार्यवाही जानकारी से मैदानी स्तर पर कृषकों को अवगत कराया जावे। वर्ष 2021 में ऋण वितरण के तहत 5 हजार 300 करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा गया है, वर्तमान में 1149 करोड़ रूपए का ऋण वितरण किया गया है। साथ ही प्रदेश में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन 3.71 लाख क्विंटल के विरूद्ध 1.67 लाख क्विंटल वितरण किया गया है। उक्त वितरण में 25800 क्विंटल 2.58 करोड़ रूपए का फसल ऋण कार्यक्रम के तहत् वितरण किया गया है। मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि समिति स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर बीज, उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन किया जावे, तदानुसार आदान सामग्री की व्यवस्था युद्ध स्तर पर करने हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त, विशेष सचिव सहकारिता, प्रबंध संचालक मार्कफेड एवं प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक को निर्देशित किया गया है।

Next Story