रायपुर। प्रदेश के नगरीय निकायों में संचालित होने वाली सर्वसुविधायुक्त मोबाइल मेडिकल यूनिट में बड़ी संख्या में बीमार महिलाएं अपना उपचार कराकर ठीक हो रही है। एमएमयू में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से बीमार महिलाओं की समस्या का निःशुल्क समाधान होने के साथ घर परिवार में भी खुशियों के साथ स्वस्थ माहौल बनने लगा है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट में इलाज कराने लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। योजना के प्रारंभ होने के महज 9 माह के भीतर ही इस योजना से 7 लाख से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है। खास बात यह है कि घरेलू कार्यों में उलझी होने की वजह से अस्पताल जा नहीं पाने वाली स्लम क्षेत्र की महिलाओं के लिए यह योजना बहुत ही लाभदायक साबित हो रही है। एमएमयू में अभी तक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले लोगों में पुरूष और महिलाओं का आँकड़ा देखे तो पुरूषों के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने अपना उपचार कराया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के नेतृत्व में 1 नवम्बर 2020 को प्रारंभ हुई इस योजना में 14 नगर पालिक निगम में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन प्रारंभ किया गया। यह योजना झुग्गियों सहित आसपास रहने वाली महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के टीम द्वारा समय पर चयनित बस्तियों में शिविर लगाए जाने के बाद आसपास की महिलाओं के लिए इलाज कराना आसान हो गया है। मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपचार कराने वाली शांति बाई का कहना है कि वह एक दुकान में काम करती है। उसके मुहल्ले में ही मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुँच जाने से उन्हें अनावश्यक अस्पताल जाना नहीं पड़ा। बीना सिंह का कहना है कि घरेलु कार्यों में उलझे होने की वजह से छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज कराने अस्पताल तक नहीं जा पाते। कुछ कुछ दवाइयां भी मेडिकल दुकान से अपनी तकलीफ बताकर ले लिया करते थे, अब ऐसा नहीं करते। एमएमयू में पहुँचकर डॉक्टरों को अपनी समस्या बताते हैं। उनसे जो परामर्श और दवाइयां मिलती है उसका सेवन करते हैं। उन्होंने मोबाइल मेडिकल यूनिट और दाई दीदी क्लीनिक की प्रशंसा करते हुए बताया कि स्लम एरिया की महिलाओं के लिए यह चिकित्सकीय सुविधा बहुत बढ़िया है।
महिलाओं द्वारा अपने बीमारियों के उपचार के लिए स्लम स्वास्थ्य योजना का बेहतर उपयोग किए जाने से अन्य महिलाओं का रुझान भी लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जब स्वास्थ्य लाभ हासिल करने वालों की संख्या का पता लगाया गया तो मालूम हुआ कि 8 प्रतिशत बच्चे, 38 प्रतिशत पुरुष और 56 प्रतिशत महिलाए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह इलाज कराने वालों में 70 प्रतिशत सामान्य गरीब परिवार और 30 प्रतिशत श्रमिक व श्रमिक परिवारों ने इस योजना का लाभ लिया।
दाई-दीदी क्लीनिक कर रही महिलाओं को प्रेरित
प्रदेश में 19 नवंबर 2020 को प्रारंभ हुई देश की पहली स्पेशल मोबाइल मेडिकल यूनिट दाई-दीदी क्लीनिक में भी इलाज कराने महिलाएं आगे आ रही है। एमएमयू में महिलाओं का स्टाफ होने के साथ गर्भवती महिलाओं की नियमित जाँच, स्व-स्तन कैंसर जांच, मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण आहार, परिवार नियोजन आदि विषयों पर विशेष सलाह महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय कर प्रदान की जाती है। मोबाइल मेडिकल यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर के साथ फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं। एमएमयू के माध्यम से 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किए जाते हैं। इनमें खून, मल-मूत्र, थूक, टीबी, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड आदि की जांच की जाती है। वर्तमान में यह योजना रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम में संचालित हो रही है। आने वाले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का विस्तार सभी 155 निकायों में किया जाएगा।