छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के संजीवनी केन्द्र का किया निरीक्षण

Nilmani Pal
19 Oct 2021 12:06 PM GMT
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के संजीवनी केन्द्र का किया निरीक्षण
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में न केवल लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा रहा है बल्कि उनकी प्रासेसिंग कर अनेक प्रकार के हर्बल औषधि और उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इन कार्यों से युवाओं और महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सचिन राव ने आज राजधानी रायपुर के कलेक्टरेट के समीप जी.ई रोड में हर्बल उत्पाद विक्रय केन्द्र संजीवनी का निरीक्षण किया। उन्होंने इन केन्द्रों में प्रसंस्करण इकाईयों से तैयार किए गए लगभग 120 प्रकार के हर्बल उत्पादों का मार्केटिंग एवं विक्रय की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ हर्बल ब्राण्ड से इन उत्पादों की मार्केंटिंग एवं विक्रय का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा राजधानी रायपुर के छत्तीसढ़ हर्बल संजीवनी विक्रय केन्द्र के माध्यम से किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न वनमण्डलों, जिला यूनियनों के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से निर्मित प्रमुख उत्पादों का विक्रय यहां किया जा रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के वन उत्पादों के मार्केंटिंग एवं विक्रय कार्य को बढ़ावा मिला है। उन्होंने बताया कि प्रोसेसिंग युनिटों की स्थापना के बाद स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी हुई है। महिला समूहों से तैयार उत्पादों को देश भर में मार्केट उपलब्ध कराने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म में बिक्री की व्यवस्था की गई है।

गौरतलब है कि संजीवनी विक्रय केन्द्रों में राज्य के विभिन्न जिलों के निर्मित प्रमुख उत्पाद जैसे जगदलपुर जिला का काजू, चिरौजीं, महुआ तेल, कोण्डागांव जिला का तिखुर, ईमली चपाती, नारायणपुर का फूल झाड़ू एवं कांकेर का महुआ लड्डू शामिल है। इसी तरह भानुप्रतापपुर जिला का शहद, गरियाबंद जिला का सर्व ज्वर हर चूर्ण तथा बलौदाबाजार का जामुन जूस, आंवला कैंडी एव अन्य उत्पाद शामिल है। इस प्रकार बिलासपुर जिला का शहद, कटघोरा का शतावरी चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, मरवाही जिला का सफेद मुसली चूर्ण, जशपुर जिला का च्यवनप्राश, सैनेटाइजर, राजनांदगांव जिला का महुआ स्कैस, कवर्धा जिला का शहद तथा बालोद जिले के महुआ चटनी, महुआ अचार उत्पाद आदि भी शामिल है।

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