छत्तीसगढ़

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जताया शोक

Nilmani Pal
11 Sep 2022 12:08 PM GMT
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जताया शोक
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रायपुर। जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देवलोकगमन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि स्वरूपानंद जी के देवलोकगमन का समाचार अत्यंत दुःखद हैं उनमें देश और देश के जनमानस को लेकर गहरी समझ थी।

द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया. वे 99 साल के थे. उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था. कुछ दिन पहली ही स्वरूपानंद सरस्वती ने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था, जिसमें एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का गंगा आश्रम नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में हैं. उन्होंने रविवार को यहां दोपहर 3.30 बजे ली अंतिम सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म एमपी के सिवनी में 2 सितंबर 1924 को हुआ था. वे 1982 में गुजरात में द्वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे.

शंकराचार्य सरस्वती के माता-पिता ने बचपन में उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था. उन्होंने 9 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था और धर्म की तरफ रुख किया. उन्होंने काशी (यूपी) में वेद-वेदांग और शास्त्रों की शिक्षा ली. स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती ने आजादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था. उन्होंने 15 महीने की जेल में सजा काटी. सरस्वती ने यूपी के वाराणसी में 9 और मध्यप्रदेश में 6 महीने जेल की सजा काटी थी.

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