छत्तीसगढ़

जन्मदिन के विज्ञापन में भी घोटालेबाजी से बाज नहीं आए छुटभैये नेता

Nilmani Pal
30 Aug 2023 5:47 AM GMT
जन्मदिन के विज्ञापन में भी घोटालेबाजी से बाज नहीं आए छुटभैये नेता
x
नैय्या डूबाने वालों से दीपक को रहना होगा सावधान.
दीपक को फूंक-फूंक कर रखना होगा कदम
छुटभैये नेता अपने कृत्य से कर रहे पार्टी नेताओं की छवि धूमिल
छुटभैया नेताओं में अभी भी मची है स्थान बनाने की होड़
निगम मंडल के अध्यक्ष सरकारी विज्ञापन बनाने तक सीमित रहे
चुनाव लडऩे की इच्छा रखने वाले छुटभैया नेताओं ने कुछ बड़े पेपरों में विज्ञापन देकर पीछा छुड़ाया, अब पैसे के लाले
अधिकांश पदाधिकारी छुटभैया नेताओं ने विज्ञापन से दूरी बनाए रखने में अपनी होशियारी दिखाई
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर: रायपुर पिछली कार्यकारिणी में विज्ञापन घोटाला करने वाले पदाधिकारीगण दीपक बैज की कार्यकारिणी में भी पद जुगाडऩे में सफल हो गए है। उनकी गतिविधियां ऐसी ही रही तो बैज के लिए विरोधियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो खुद आस्तीन के सांप पाल रहे हैं ऐसा माना जा रहा है। गौरतलब है कि मोहन मरकाम की कार्यकारिणी में रहे कुछ छुटभैया नेता चाटुकारिता कर बैज के नजदीक हो गए है, दूसरे वो बड़े नेताओं से सिफारिश के कारण पद पा गए हैं । ऐसे नेताओं से बैज को सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो ये नेता बीच मंझधार में नैया डूबाने में देर नहीं करेंगे। निगम मंडल के अध्यक्ष अपने चहेतों को विज्ञापन देकर खुश हो गए । अपने जेब से खुद के खर्च का विज्ञापन न देकर निगम मंडल के खाते से विज्ञापन देकर सीएम के नजदीकी बनने की कोशिश की । अगर सही डंग से जांचत की जाए तो बहुत बड़ा विज्ञापन घोटाला सामने आ सकता है। सभी नेता सरकारी विज्ञापन तक सीमित रहे, चुनाव लडऩे की इच्छा रखने वाले छुटभैया नेताओं ने कुछ बड़े पेपरों में विज्ञापन देकर पीछे छुड़ाया, अब पैसे के लाले पडऩे लगे है। अधिकांश पदाधिकारी छुटभैया नेताओं ने विज्ञापन से दूरी बनाए रखने में अपनी होशियारी दिखाई।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में मुख्यमंत्री के जन्मदिवस पर दिए गए विज्ञापन के बाद हलचल मची हुई है वजह भुगतान का न होना बताया जा रहा है। कमोबेश ऐसा सभी प्रमुख पार्टियों के छुटभैये नेताओं ने कर रखा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों 23 अगस्त को छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्म दिन था। इस अवसर को हर नेता खोना नहीं चाहते थे और बड़ा बड़ा विज्ञापन अखबारों में देकर मुख्यमंत्री के नजदीक बताने ही होड़ मच गई थी। बड़े अखबारों में तो पहले भुगतान मिलने के बाद ही राजनैतिक विज्ञापन का प्रकाशन किया जाता है लेकिन छोटे और मझोले अखबार में बाद में भुगतान मिलने की उम्मीद में विज्ञापन प्रकाशित कर दिए । लेकिन छुटभैये नेता विज्ञापन की वसूली कर अपनी जेबें भर लिए और अखबारों को भुगतान नहीं किए। उन्हें इस सम्बन्ध में मोबाइल भी लगाया जाता है किन्तु उनका मोबाईल बंद बताता है या अखबारनवीशों का नंबर ब्लॉक कर देते हैं। ऐसे कई छुटभैये नेता हैं जो निगम मंडलों में सदस्य या अध्यक्ष तो बन जाते है लेकिन विज्ञापन देकर भुगतान न कर मुख्यमंत्री या अन्य बड़े नेता जो रायपुर आते है उनकी छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है इस लिए सभी पार्टी के नेताओं का छत्तीसगढ़ आना जाना बढ़ गया है। टिकट के दावेदार उन नेताओं के गुड बुक में आने के लिए विज्ञापन तो देते हैं लेकिन भुगतान देने में आनाकानी करते हैं। टिकट के दावेदार और छुटभैये नेताओं की तरफ से दिए गए विज्ञापन के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह अटकलें लगनी शुरू हो जाती है। इस सियासी घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी और प्रमुख बात तो यही रहती है की विज्ञापन देकर किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं का नजदीकी हासिल कर लें और निगम मंडल या टिकट के दावेदारों में अपना नाम जुड़वा लें लेकिन परेशानी तब पैदा होती है जब वे उन के द्वारा दिए गए विज्ञापनों का भुगतान ही रोककर उन अखबारों से दुश्मनी मोल ले लेते हैं। छुटभैये नेता तरह-तरह के विज्ञापन देते हैं जिसमे वे मुख्यमंत्री या अपने पार्टी के बड़े नेताओ का महिमामंडन करते नहीं थकते । लेकिन भुगतान के नाम पर अखबार वालों को धेला तक नहीं देते।
भुगतान अभी तक नहीं हुआ
छत्तीसगढ़ में इसके पूर्व भी एक कांग्रेस अध्यक्ष के चमचों ने उनके जन्म दिन पर भरपूर विज्ञापन अखबारों में दिया लेकिन आज दो साल से अधिक का समय बीत चूका है उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इस सम्बन्ध में संगठन के नेता से बात करने पर उनका रटा रटाया जवाब रहता है मै भी शर्मिंदा हूं की अभी तक भुगतान क्यों नहीं हुआ, छुटभैये नेता ऐसा कृत्य क्यों करते हैं जिससे नेता जी की छवि धूमिल होती है। मंै स्वयं इस मामले को देखता हूं लेकिन महामंत्री जी सिर्फ देख रहे हैं।
अखबार मालिक सीएम से शिकायत करने के मूड में
अखबारों के मालिकों से चर्चा करने पर उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री और दूसरे पार्टी के नेताओं को इस बात से अवगत कराया जाय । छुटभैये नेताओं ने विज्ञापन में तरह तरह के जुमले और कसीदा गढ़ते हुए विज्ञापन प्रकाशित करवाते हैं। जैसे ये फेविकोल का जोड़ है, ये दोस्ती नहीं टूटेगी चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें। कोई कहता है जय वीरू की जोड़ी है, लेकिन यह जोड़ी एक गठबंधन है। लेकिन ये सब जुमले सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि के तक ही सीमित रहता है। मुख्यमंत्री और दूसरी पार्टी के बड़ नेताओं को ऐसे लोगों से किनारा कर लेना चाहिए वर्ना ये छुटभैये नेता उनसे भी पैसा लेकर हजम कर जायेंगे और उनको बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। जो लोग जो अपने स्वार्थ के लिए ऐसा काम किये हैं उन लोगों से जल्द किनारा कर ही लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में राजधानी सहित अन्य जगहों पर बुनियादी ढांचे के काम के लिए भारी धनराशि आवंटित की है. राज्य भर में प्रगति जोर शोर से हो रही है इसलिए लोगों ने भूपेश बघेल पर प्यार और आशीर्वाद बरसाया है।
सीएम के नाम से भरपूर कमाई की
मुख्यमंत्री राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं और इसे आगे ले जा रहे हैं लेकिन छुटभैये नेता जो विज्ञापन छपवाकर भुगतान नहीं कर उनकी साफ सुथरी छवि पर बट्टा और पलीता लगा रहे हैं। शीघ्र ही हम उन विज्ञापनों को सिलसिलेवार पुन: प्रकशित कर जनता को, मुख्यमंत्री और अन्य पार्टी के नेताओं के सामने लायेंगे। मुख्यमंत्री के जन्मदिन और बड़ नेताओं के आगमन पर आयोजित कार्यक्रम में भी ये छुटभैये नेता बढ़चढ़ कर हिस्सा भी लेते हैं लेकिन भुगतान की बारी आती है तब इनको सांप सूंघ जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई छुटभैये नेता हैं जो इनके छत्रछाया में फूले-फले, उनकी मदद और उनके नाम लेकर आगे बढे , छत्तीसगढ़ में उनकी जगह ही क्या थी लेकिन उनकी छवि खराब करने में पीछे नहीं रहते।
दोपहर के अखबार में छपवा कर बड़े अखबार का बताया
छत्तीसगढ़ के अधिकांश विधानसभा क्षेत्र के छुटभैया नेताओं की भी कलाकारी सामने आई । सभी विधानसभा से कई दावेदारों ने कई प्रकार की कलाकारी कर पीडीएफ बनाकर अलग-अलग बड़े अखबारों की कतरन बनाकर अपने नेता के सामने पेश करने से भी पीछे नहीं होते । राजनांदगांव संभाग क्षेत्र का हो चाहे वह दुर्ग संभाग की बात हो या रायपुर संभाग की बात हो चाहे बस्तर संभाग की बात हो या फिर अंबिकापुर की बात हो, सभी जगह नकली पीडीएफ का विज्ञापन बनाकर सभी बड़े अखबारों का नाम का हेडर लगाकर कतरन बनाकर बड़े नेता को पेश की गई यह का कारास्तानी भी आजकल के छुटभैया नेताओं ने कर दिखाई । एक राजनांगांव संभाग के छुटभैया नेता ने जो टिकट की चाहत रखता है एक दोपहर के अखबार में विज्ञापन देखकर पीडीएफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख सभी अखबारों के नाम से बनवाया और प्रभारी मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंचा मुख्यमंत्री के बंगले में भेजा और बड़ी-बड़ी बातें कर करोड़ का विज्ञापन छपाया हूं ऐसा सबको बता रहा है। जो इस तरीके की हरकत चुनाव के पहले टिकट पाने के लिए कर सकता है कोई जनता के लिए किस हालात तक साथ देगा इसका अंदाजा दिया जा सकता है।
Next Story