छत्तीसगढ़

रवि को डॉन बनाने वाले छुटभैय्ये बने 'लाइजनर'

Admin2
20 Jan 2021 5:52 AM GMT
रवि को डॉन बनाने वाले छुटभैय्ये बने लाइजनर
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मंत्री, नेताओं और बड़े अधिकारियों से सेंटिंग कर अवैध धंधा चलाने में कर रहे मदद

< चरस, गांजा, शराब, हथियार सौदागरों, सट्टा, जुआ खिलाने वालों पर नकेल कसने की कवायद

< मुख्य सरगना को पकडऩे में विभागीय उदासीनता या कोताही

< विरोध करने वालों को गुर्गे मारपीट कर धमकाने की शिकायत

< अपराधियों की कुंडली पुलिस के पास,कार्रवाई नहीं होने से उठ सवाल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में नशा कारोबार दिन ब दिन बढ़ते जा रहे है। और शहर में चरस, गांजा, शराब और कट्टा, पिस्टल जैसे हथियार बेचने वालों के साथ सट्टा, जुआ खिलाने वालों पर पुलिस ने नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी है। उसके बाद भी राजधानी में गांजा, चरस, शराब बिक रहा है। अड्डेबाजों और फड़बाजों के सक्रिय होने के साथ शराब, गांजा, चरस, कोकीन बेचने की शिकायत लगातार पुलिस को मुखबिर से मिल रही हैं। वहीं, गली-मोहल्लों में सट्टा, जुआ खिलाने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। इस कारोबार से जुड़े अधिकांश लोगों के अपराधिक रिकॉर्ड पुलिस के पास सही सलामत हैं। अपने-अपने इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए बदमाशों ने गुर्गे तक पाल रखे हैं। कारोबार का विरोध करने वालों को धमकाकर चुप कराने से लेकर ये गुर्गे मारपीट भी करते हैं। इसके कारण लोग शिकायत करने से भी डरते हैं। शहर के कालीबाड़ी इलाके में नशे का काला कारोबार फिर से अपनी उफान पर है। सटोरियों और पुलिस का लुकाछिपी का खेल चलते ही रहता है। दो-चार महीने शांत रहने के बाद फिर सक्रिय हो जाना आदत में शुमार है। पुलिस जितने में पकडऩ़े के लिए जाल बिछाती है, ये सटोरिए चूहे की तरह जाल को कुतर रहे है। कालीबाड़ी क्षेत्र के लोगों का सुबह-शाम ओपन-क्लोज, पत्ती नंबर के शोर शराबे से जीना मुहाल हो गया है। सैकड़ों शिकायत करने के बाद भी पुलिस रवि साहू के गुर्गों का पकडऩे में उदासीनता बरत रही है।

इन इलाकों में चल रहा है आसिफ गैंग का गांजे का अड्डा

नेहरू नगर , वीरभद्र नगर, कैलाशपुरी , टिकरापारा, मठपारा, पुरानी बस्ती

रवि के धंधे का रिमोट बने छुटभैय्या नेता

रवि साहू के गुर्गे खुलेआम चैलेंज करते है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता हम सीधे आधे पैसे छुटभैय्या नेताओं के देते है। जितने दिन सट्टा बंद रखने को कहा जाता है उतने दिन बंद रखते फिर शुरू कर देते है। पुलिस और छुटभैय्या नेताओं से सेटिंग करने के लिए रवि साहू के लिए बड़े -बड़े अधिकारी लाइजनिंग करते है। इसलिए सट्टा के साथ गांजा-अफीम और नशीले पदार्थ का कारोबार को बेखौफ संचालित करते है। रवि साहू के खास गुर्गे ने बताया कि हमारा खेल पैसों से चलता है। बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रूपैया वाला गेम है। रवि साहू तो छुटभैय्या नेताओं को बराबर हर महीने पेटी पहुंचाता है। जिसके कारण पुलिस भी हाथ डालने से पहले सौ बार सोचती है। पुलिस के छोटे से बड़े अधिकारी और छुटभैया नेता से लेकर मंत्री स्तर तक पैसा पहुंचाने की बात रवि के गुर्गे खुलेआम करते है। रवि के गुर्गों का कहना है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हम तो छुटभैय्या नेता के इशारे पर ही कारोबार कर रहे है। जब सट्टा बंद करने को कहते है तो कर देते देते है। और जब चालू करने को कहा जाता है तो चालू कर देते है। हमारा रिमोट तो छुटभैय्या नेताओं के हाथों में है। हमें तो रोज लाखों छापना है। सट्टा से मिले या गांजा-अफीम या नशीली दवा से हमें कोर्ई फर्क नहीं पड़ता। पैसा आना चाहिए धंधा चलते रहना चाहिए। इस तरह के काले कारोबार से राजधानी में पदस्थ ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारियों की छवि खराब हो रही है। पुलिस की नाकामियों को उजागर करने के पीछे हमारा मकसद पुलिस की कार्यशैली की आलोचना करना नहीं, बल्कि सजग करना है।

सूत्रों से मिली अहम जानकारी

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान रवि साहू ने कुछ छुटभैय्या नेताओं से संपर्क बनाए थे, और नेताओं का विस्वास भी जीता था। जिसके परिणाम स्वरूप छुटभैय्या नेताओं ने चुनाव के दौरान शराब और पैसा बांटने की जिम्मेदारी रवि साहू को सौंप दी थी। रवि साहू ने मंदी के दौर में नेताओं के चिराग रगडऩे के बाद जिन्न की तरह आका के सामने हाजिर हो गया। चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा दारू रवि साहू ने बांट कर बाजी पलटने में सहायक साबित हुआ। जिसके कारण रवि साहू छुटभैय्या नेताओं का ख़ास बटन हो गया। जिसके संपर्क को देखकर पुलिस भी हैरान परेशान नजर आ रही है। शौर्य पेट्रोल पंप के सामने नाले के पीछे बस्ती से लेकर सिद्धार्थ चौक, भाटागांव रोड, बूढ़ापारा के आसपास के क्षेत्र, मारवाड़ी श्माशान घाट के आसपास की बस्ती, पुजारी पार्क, टिकरापारा क्षेत्र मेंं रवि साहू के गुर्गों का खुला खेल खेल चल रहा है। बड़े-बड़े छुटभैय्या नेताओं के साथ संपर्क बताकर उनके नाम से पुलिस को भी चकमा दे रहा है।

मोहल्ले वाले हलाकान

कालीबाड़ी क्षेत्र में रहने वाले रहवासियों की मानें तो यहां रवि साहू के गुर्गों ने कारोबार संभाल रखा है, चुनाव के दौरान ही यहीं लोग घर-घर जाकर दारू और पैसा बांटते रहे है। अब यहीं लोग मोहल्ले के चौक में बैठकर सट्टा पट्टी लिख रहे है। मोहल्ले के लड़के सौ रूपए और खाने के चक्कर में अपना पैतृक काम छोड़ कर रवि साहू के गुर्गों के साथ मिलकर सट्टा लिखने का काम कर रहे है। आवारा लड़कों की धमा चौकड़ी के मोहल्ले वाले परेशान है। मोहल्ले वालों को कहना है कि यदि अब कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे और आंदोलन चलाएंगे।

रवि साहू गैंग के गुर्गे सक्रिय

पुलिस विभागीय सूत्र बताते है कि रवि साहू ने छुटभैय्या नेताओं के नाम का फायदा उठाकर लंबा-चौड़ा कारोबार फैला रखा है। बड़े-बड़े दांव की खाईवाली कर रहा है। गोलबाजार बंजारी मंदिर में एक परमानेंट ठिहा रवि साहू ने बना रखा है, जहां छोटे-बड़े सटोरिए उसके लिए सट्टा पट्टी लिखने में जुटे रहते है। बड़े-बड़े दांव और पुलिस से सेटिंग के रास्ते निकालने के पैंतरे भी निकालते रहते है। कालीबाड़ी में तो रवि साहू का एकतरफा सट्टा दौड़ रहा है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान होने के बाद भी रवि के राजनीतिक संरक्षक में बड़े तथाकथित छुटभैय्या नेताआं के हाथ होने से पुलिस हाथ खींच रही है। जिसके कारण रवि साहू को कारोबार दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ते जा रहा है।

बंजारी चौक में सट्टा और नशा का कारोबार

बंजारी वाले दरगाह के पास शास्त्री मार्केट और डीकेएस की ओर जाने वाले मार्ग में खंडहर नुमा मकान के पास आटो में बैठकर खुलेआम गांजा-अफीम और नशीले पदार्थ का कारोबार खुलेआम खुद रवि साहू और उसके गुर्गे करते है। जहां पुलिस सब कुछ देखने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही है।

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