रायपुर। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। राज्य शासन की कोशिशों से चालू वित्तीय वर्ष में लेबर बजट का लक्ष्य दूसरी बार बढ़ाया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत में मनरेगा के तहत रोजगार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस निर्धारित था। मनरेगा के अंतर्गत हो रहे व्यापक कार्यों और लक्ष्य की पूर्णता में तेजी को देखते हुए राज्य शासन के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने पहले इसमें डेढ़ करोड़ मानव दिवस की वृद्धि करते हुए 15 करोड़ मानव दिवस का संशोधित लक्ष्य मंजूर किया था। मनरेगा में लगातार प्रदेश के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए राज्य शासन के आग्रह पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसमें दो करोड़ मानव दिवस और बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। अब चालू वित्तीय वर्ष के लिए लेबर बजट का संशोधित लक्ष्य 17 करोड़ मानव दिवस हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना काल और मनरेगा में लक्ष्य पूर्णता में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार से लेबर बजट बढ़ाने का आग्रह किया था। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए इस वर्ष का लेबर बजट बढ़ाने भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को दिए थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. और मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक की केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सशक्त समिति की हाल ही में हुई बैठक में लेबर बजट बढ़ाने के राज्य शासन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक मनरेगा के अंतर्गत कुल 17 करोड़ 20 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है। इस दौरान 30 लाख से अधिक परिवारों के 59 लाख 31 हजार से अधिक श्रमिकों को काम दिया गया है। वहीं पांच लाख 20 हजार 194 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार मुहैया कराया गया है। कोरोना संक्रमण को रोकने लागू देशव्यापी लॉक-डाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरूआती महीनों में प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर मनरेगा कार्य शुरू किए गए थे। साल भर के लिए निर्धारित लेबर बजट के तत्कालीन लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस का 66 प्रतिशत लक्ष्य शुरूआती तीन महीनों में ही हासिल कर लिया गया था।