रायपुर। छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल की पासिंग आउट परेड पूरी हो चुकी है। वो अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ट्रेनिंग पूरी करके अपने घर लौट रही है। हिशा के घर लौटने की खुशी जितना उनकी मां, भाई और बहन को है, उतना ही डर भी है। हिशा की ट्रेनिंग खराब न हो, इसलिए घर वालों ने उसे उसके पिता की सच्चाई नहीं बताई। अब उनका कहना है कि बेटी जब घर आएगी और अपने पिता को खोजेगी तो वो उसे सच्चाई कैसे बताएंगे।
कोमल बघेल ने बताया बीते 3 मार्च को उनके पिता संतोष बघेल की कैंसर से मौत हो गई है। उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार चलाते थे। 2016 में उन्हें मुह का कैंसर हो गया। इसके बाद धीरे धीरे बीमारी बढ़ती गई। इलाज में उन्हें अपनी पूरी जमीन और पिता का ऑटो रिक्शा तक बेचना पड़ा। सरकार से भी मदद मिली, लेकिन वो लोग पिता को नहीं बचा पाए।
हिशा बघेल छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं। वह उस 2600 के करीब अग्निवीरों के बैच का हिस्सा हैं, जिसने ओडिशा में 28 मार्च को आईएनएस चिल्का पर अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पूरी की है। ये बैच अब भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। हिशा का परिवार दुर्ग शहर से 15 किलोमीटर दूर बोरीगर्का गांव में रहता है। राजधानी रायपुर से उनका गांव 50 किलोमीटर दूर है।