छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का पहला अजीबो-गरीब मामला

Nilmani Pal
29 Dec 2022 5:54 AM GMT
छत्तीसगढ़ का पहला अजीबो-गरीब मामला
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रायपुर। विधानसभा सत्र के दौरान सरकार विशेष सतर्कता बरतती है कि कोई भी नीतिगत बात सदन से बाहर न हो, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता की ओर से रखे गए स्थगन प्रस्ताव के साथ-साथ विभागीय जवाब भी चर्चा से पहले सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.

सोशल मीडिया में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर की ओर से प्रदेश के सरकारी विभागों व निगम-मंडलों में कार्यरत संविदा, दैनिक वेतन भोजी, प्लेसमेट, अंशकालीन, ठेका, मानदेय व जॉबदार अंतर्गत कार्यरत 2.88 लाख कर्मचारियों का विषय उठाया है. इसके जवाब में पंचायत संचालनालय के संयुक्त सचिव की ओर से जवाब दिया गया है, जिसमें पंचायत संचालनालय के मुख्यालय के अलावा जिला व क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों व प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी दी गई है. इसके साथ पंचायत संवर्ग में दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों व परिजनों को दी गई अनुकंपा नियुक्ति का जिक्र है.

2 जनवरी को सदन में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव व उस पर विभागीय जवाब पर चर्चा होना या नहीं होना, आसंदी का अधिकार है. लेकिन चर्चा से पहले ही उसका सोशल मीडिया में वायरल होना विधानसभा के अधिकार का हनन है. अब मामले में विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा और उसके विधायक कैसा रुख अपनाते हैं, यह सदन शुरू होने के बाद ही पता चलेगा.

इस खबर को मीडिया रिपोर्ट से प्रकाशित की गई है. जनता से रिश्ता वायरल पत्र की पुष्टि नहीं करता।


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