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रायपुर। जनता से रिश्ता के पाठक ने छत्तीसगढ़ी फाग गीत ई-मेल किया है. जो मोखला का निवासी है.
हाथ होतिस कहूं बेसन सनाय,
मयारुक के गाल रंगा लेतेंव ।
कइसे लगाही रंग वो मोला,
गाल मा गाल टेका देतेंव ।।
जेकर संग मन मोर लागय,
नजर ला थोरिक मिला लेतेंव ।
जेकर बिन मन नइ लागय,
रंग मा ओकर घोरा जतेंव ।।
ओकर बिन का होरी देवारी,
गोरी ल गांठी हार पहिरा देतेंव।
उड़ा जातिस जी ओढ़े चुनरी,
लजकुरहीन ला लजा देतेंव ।।
बात-बात मा ताना मरईया के,
होरी मा अबड़ मजा लेतेंव।
रंग सिन्दूरी माथ लगाके ,
गोरी नखरेली ला सजा देतेंव।।
रंग कभू झन होय पटपटहा,
गोरी संग होरी मना लेतेंव ।
किसन बंसुरिया रधिया पैरी जस,
ओकर नांव ल फगुवा गा लेतेंव।।
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