छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: कहते है जहां चाह है वहां राह है, ऐसे ही है किसान नीलमणी की सफलता की कहानी

Admin2
8 March 2021 5:22 AM GMT
छत्तीसगढ़: कहते है जहां चाह है वहां राह है, ऐसे ही है किसान नीलमणी की सफलता की कहानी
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कहते है जहां चाह है वहां राह है, सच्ची मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है। इस कथन को सच कर दिखाया ग्राम पंचायत पतरापाली पूर्व के किसान नीलमणी ने। बीते एक साल कोविड के कारण लोगों के रहन-सहन में बदलाव तो हुआ ही साथ ही लोगों के आजीविका पर भी काफी प्रभाव पड़ा। लेकिन मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित कुआं निर्माण से नीलमणी ने अपनी बाड़ी में सालभर सब्जी उगाने का प्रबंध कर लिया। जिसे बेचकर उनके जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल गई। सब्जी बेचकर उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपये की आय हो रही है।

किसान नीलमणी बताते है कि उन्होंने अपने खेत में 250 किलो अदरक और 130 किलो हल्दी उगाने के साथ चेंच भाजी, लाल भाजी, हल्दी पालक भाजी, धनिया भाजी, धनिया पत्ती, प्याज भाजी, करेला, टमाटर और आलू का उत्पादन भी किया। इससे हर महीने मुझे औसतन दस हजार रू. की आमदनी हो रही है। श्री नीलमणी की बाड़ी में अब साल भर उग रही पौष्टिक सब्जियां। वे सब्जी बेचकर कोविड के कारण उपजे मौजूदा हालातों में भी अपनी आजीविका को बनाये रखे। कुंए के निर्माण और सब्जी की खेती शुरू करने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही हैं।

मनरेगा के अंतर्गत कुआं निर्माण के अपने अनुभव को साझा करते हुये उन्होंने बताया कि कुआंं निर्माण की स्वीकृति प्रस्ताव जनपद पंचायत रायगढ़ में जमा होने के 7 दिवस के भीतर मिल गई थी। स्वीकृति के पश्चात ले आउट लिया गया। ले आउट प्राप्त होने के अगले दिन से मेरे एवं मेरे परिवार के साथ-साथ आसपास जॉब कार्ड धारी परिवार के सदस्यों द्वारा कुआं निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। कार्य में मजदूरी भुगतान सप्ताह समाप्ति से 7 दिवस के भीतर कार्य किये मजदूर के खाता में जमा हो जाती थी। कुऑ निर्माण के दौरान श्रमिक के रूप में आय मिली तो निर्माण पूरा होने से साग सब्जी उत्पादन में सहायता मिल रही है। नीलमणी आगे बताते है कि अपने कुएं में एक हार्स-पॉवर का पंप लगाकर सब्जियों की खेती कर रहे है, जिससे वे आर्थिक मजबूती

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