मंत्री जी हम लोग गोठान में काम करते हैं। बाड़ी से सब्जी भी उगाते हैं। बाड़ी के लिए पानी की व्यवस्था करा दीजिए। मनरेगा में कनवर्जेंस करा दीजिए। हम लोग आपकों सब्जी खिलाएंगे। गांव की महिलाओं की इन बातों को सुनकर मंत्री जी मुस्कुराए और बोले, कौन से गांव के हो आप लोग? महिलाओं ने बताया आरंग विकासखण्ड के टेकारीकुण्डा के। मंत्री जी बोले मैं तो अक्सर अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करता रहता हूं। सभी लोगों से मिलता रहता हूं। घर भी जाता रहता हूं। इतने दिन हो गए आप लोग गांव के आसपास ही मुझसे क्यों नहीं मिले ? मंत्री जी की बात सुन गांव की महिलाएं कुछ देर शांत हो गई, फिर एक ने कहा कि आपसे बहुत दिन से मिलने की सोच रहे थेेे, इसलिए आज आपके घर आ गए। मंत्री ने कहा चलो कोई बात नहीं आज आए हो तो चाय पीकर, खाना खाकर जाना, बाड़ी की सब्जी जब आपके गांव आऊंगा तो खिलाना। यह कहते हुए आखिरकार उन्होंने गांव के सरपंच और आरंग जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को फोन लगाया और गांव की महिलाओं की मांगों को पूरा करने के निर्देश दिए।
दरअसल यह मामला नगरीय प्रशासन मंत्री व आरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. शिवकुमार डहरिया के निवास का है। वैसे तो उनके सरकारी और निजी निवास में प्रतिदिन मंत्री डॉ. डहरिया से मिलने वालों की भीड़ लगी होती है। ऐसे ही मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्या बताने आरंग विकासखण्ड के ग्राम टेकारीकुण्डा की एक दर्जन महिलाएं उनसे मिलने पहुची। राजलक्ष्मी और उन्नति स्व-सहायता समूह से जुड़ी श्रीमती रहिमत धीवर, श्रीमती ममता वर्मा, शांता बघेल, संगीता वर्मा, मीना कोशले, रानू वर्मा, इंद्राणी वर्मा सहित अनेक महिलाओं ने बाड़ी, गोठान संचालन की जानकारी देते हुए बाड़ी में सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था और मनरेगा से जोड़कर गांव की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की मांग की। मंत्री डॉ.डहरिया से महिलाओं के साथ हुई छत्तीसगढ़ी में वार्तालाप के दौरान मंत्री ने उनसे गांव की स्थिति और उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने तत्काल गांव के सरपचं और जनपद के सीईओं को फोन लगाकर महिलाओं की मांगों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी को चाय पिलवाई और खाना खाने का भी निमंत्रण दिया। मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की इस तत्परता और चाय के साथ खाना के लिए पूछपरख पर गांव की महिलाएं बहुत खुश हुई। उन्होंने कहा कि गांव आने पर आपकों बाड़ी की सब्जी खिलाएंगे।