छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: जब कलेक्टर ने किसानों को किया फोन, इन मुद्दों पर की चर्चा

jantaserishta.com
26 Jun 2021 11:34 AM GMT
छत्तीसगढ़: जब कलेक्टर ने किसानों को किया फोन, इन मुद्दों पर की चर्चा
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गरियाबंद. कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने आज दोपहर अपने कार्यालय से अंचल के किसानों से फोन करके खेती-किसानी की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने इस वर्ष खरीफ फसल अंतर्गत खाद-बीज की उपलब्धता और सहकारी बैंक से लिये गए ऋण के संबंध में किसानों से सीधी चर्चा की। चर्चा के दौरान कलेक्टर ने किसानों को आश्वस्त किया कि खाद-बीज का पर्याप्त भण्डारण है। समय पर खेती किसानी का कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि किसानों को इस संबंध में किसी भी तरह की परेशानी या शिकायत है तो वे नोडल अधिकारी से सीधे बात कर सकते है। कलेक्टर ने फिंगेश्वर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बारूला के किसान श्री ईश्वरी साहू से बातचीत करते हुए पुछा कि क्या आपने खाद और बीज सोसायटी से ले लिया है। श्री साहू ने बताया कि उन्होंने 40 बोरा यूरिया और अन्य खाद सोसायटी से ले लिया है। उन्होंने बताया कि आवश्यकता अनुसार बैंक से ऋण भी लिया है। कलेक्टर ने उन्हें उन्नत कृषि करने का सुझाव दिया। इसी तरह मैनपुर के किसान हरेश्वर पटेल ने बताया कि वे कुल 8 एकड़ में किसानी करते है और उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है। कलेक्टर ने श्री पटेल को वर्मीकम्पोस्ट खाद का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। उन्होने बताया कि वे वर्मीकम्पोस्ट खाद को धान के लिए उपयोगी मानते है और बारिश पूर्व खरीद कर पहले ही रख लिये है। ग्राम जिडार के किसान कुंजेश कपिल ने कलेक्टर से बात करके खेती किसानी के संबंध में बताया। उन्होंने बताया कि वे वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का लाभ लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि खाद बीज की समस्या नहीं है और वे सोसायटी से खाद बीज ले लिये है। कलेक्टर ने जिले के अन्य किसानों से भी सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारियों को सीधे संवाद करने के निर्देश दिये है। सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री अविनाश शर्मा बताया कि जिले में खाद और बीज का पर्याप्त भंडारण है। वर्तमान में 11 हजार 957 टन खाद का भंडारण है जिसमें से 8050 वितरण हो चुका है। कुल 3907 टन शेष है। इसी तरह धान बीज का 25321 टन भंडारण है जिसमें से 18627 टन धान बीज का वितरण हो चुका है। अभी 6694 टन धान बीज शेष है। इसी तरह किसानों को 39 करोड़ 26 लाख 98 हजार रूपये ऋण के रूप में नगद दिया जा चुका है।

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