छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: अंधेरे के साये में जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण, बिजली पहुंचाने की तैयारी में जुटा प्रशासन

jantaserishta.com
13 July 2021 6:56 PM GMT
छत्तीसगढ़: अंधेरे के साये में जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण, बिजली पहुंचाने की तैयारी में जुटा प्रशासन
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बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के कई नक्सल प्रभावित गांव ऐसे हैं जहां आज भी बिजली नहीं पहुंची है। पिछले कई सालों से टेटम, बोदली सहित आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण अंधेरे के साये में गुजर-बसर करने मजबूर हैं। लेकिन अब इन गांवों के ग्रामीणों के लिए खुशी की खबर है कि, जल्द ही यह गांव रोशनी से जगमगाएंगे। इन गांवों तक बिजली पहुंचाने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। हालांकि अंदरूनी नक्सलगढ़ के कुछ गांवों में सोलर लाइट की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। लेकिन आधी से ज्यादा आबादी आज भी अंधेरे में डूबी हुई है।

इन गांवों तक नहीं पहुंची है बिजली
बस्तर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव बोदली, टेटम, कहचेनार, सालेपाल, तुमसकोंटा सहित आधा दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जहां तक पहुंचना आसान नहीं हैं। नक्सल खौफ, दुर्गम रास्ते सहित कई तरह की चुनौतियां हैं। इन गांवों तक मूलभूत सुविधायों को पहुंचाने में भी प्रशासन के पसीने छूट जाते हैं। यही वजह है कि आज तक प्रशासन इन आधा दर्जन गांवों में बिजली नहीं पहुंचाया पाया है। बिजली नहीं होने की वजह से इन गावों के सैकड़ों की आबादी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीण बोले- बिजली आएगी तो अंधेरे से मिलेगी आजादी
ग्रामीणों को जब पता चला कि उनके गांव तक जल्द ही बिजली पहुंचेगी तो उनमें काफी खुशी देखने को मिली। ग्रामीण श्याम, केशव, संगीता, बुधरु, मालती, व राजमन सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बिजली नहीं होने की वजह से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात के समय बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। लेकिन अब बिजली पहुंचने की खबर मिली है, गांवों में बिजली आएगी तो हमें अंधेरे से आजादी मिलेगी।
शिविर में की थी बिजली की मांग
हाल ही के कुछ दिन पूर्व बस्तर, नारायणपुर व कोंडागांव जिले के ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के लिए धुर नक्सलगढ़ गांव बेचा में प्रशासन ने शिविर लगाया था। यहां पहुंचे ग्रामीणों ने गांवों में बिजली पहुंचाने की प्रशासन से मांग की थी। ग्रामीणों की समस्या को सुनते हुए जगदलपुर कलेक्टर रजत बंसल ने कुछ इलाकों में फिलहाल सोलर लाइट की वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा था।
लेकिन बाद में अधिकारियों की बैठक लेकर विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता नवीन पोयाम को त्वरित कार्यवाही करने निर्देश दिए। और जल्दी ही इन नक्सल प्रभावित गांवों तक बिजली पहुंचाने की योजना बनाई गई। बताया जा रहा है कि इस साल के आखिरी माह तक ये माओगढ़ रोशनी से जगमगा उठेंगे।
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