छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: पत्रकारों को धमकी...नक्सलियों ने प्रेस नोट में इन पत्रकारों के लिखे नाम...मचा हड़कंप

HARRY
13 Feb 2021 1:27 AM GMT
छत्तीसगढ़: पत्रकारों को धमकी...नक्सलियों ने प्रेस नोट में इन पत्रकारों के लिखे नाम...मचा हड़कंप
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फाइल फोटो 

बड़ी खबर

रायपुरः छत्तीसगढ़ में पहली बार नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर पत्रकारों को धमकी दी है. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की तरफ से जारी प्रेस नोट में पत्रकारों के नाम लिखकर उनके ऊपर सरकार के साथ चलने का आरोप लगाया गया है. माओवादियों द्वारा जारी इस प्रेस नोट के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में इसकी चर्चा हो रही है. चर्चा होने की मुख्य वजह ये है की माओवादियों ने प्रेस नोट में पत्रकारों के नाम लिखे हैं. जिन लोगों के नाम लिखे गए हैं उसमें करीब 18 साल से नक्सलियों के गढ़ में पत्रकारिता कर रहे बीजापुर के गणेश मिश्रा के साथ लीलाधर राठी, पी विजय, फारुख अली, शुभ्रांशु चौधरी के नाम शामिल हैं.


क्या है माओवादियों के प्रेस नोट में
प्रेस नोट के जरिये ये भी कहा है की सरकार हजारों की संख्या में ग्रामीणों को बेदखल करने के लिए खदान और बांध शुरू करने के लिए समझौता कर चुकी है. नक्सलियों ने पत्र के माध्यम से कहा है की इसलिए ही सुरक्षाबलों की नई कम्पनी तैनात की जा रही है, जबकि जनता इसका विरोध कर रही है. पत्रकारों और समाजसेवियों पर इस पूरे मामले पर साथ देने का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने जनता के जनअदालत में सजा देने की बात कही है.
पत्रकारों ने कहा- ऐसी उम्मीद नहीं थी
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकारिता बेहद चुनौतीपूर्ण है. एक सच्चाई ये भी है की जब सरकार और नक्सलियों के बीच कोई वार्ता करनी होती है तब भी बस्तर के पत्रकार ही सरकार की मदद करते हैं. बस्तर के पत्रकारों के माध्यम से ही कई बार निर्दोषों को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाया गया है. इतना ही नहीं बस्तर संभाग के सभी नक्सल प्रभावित जिलों के पत्रकार जब कोई बड़ा नक्सली हमला होता तो पत्रकार के रूप में नहीं बल्कि मददगार बनकर खड़े हो जाते हैं. जान जोखिम में डालकर अंदरूनी इलाकों से खबर लेकर आते हैं. जिसके बाद वही खबर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबर बनती है.
लंबे समय से बस्तर में काम कर रहे शुभ्रांशु चौधरी का कहना है की वो बस्तर में शांति चाहते हैं इसलिए बस्तर में ऐसे प्रयास करते रहते है जिससे इस इलाके में शांति आये. इसलिए नक्सलियों ने उनके बारे में ऐसा लिखा है. वहीं 18 साल से नक्सलियों के गढ़ से रिपोर्ट लाने वाले पत्रकार गणेश मिश्रा का कहना है कि उन्हें इस बात का बहुत दुःख है की उनके बारे में नक्सलियों ने ऐसा लिखा है. आज भी वो बीजापुर में किराए के मकान में रहते हैं. बीजापुर के अंदरूनी इलाकों से जरूरतमंदों की खबर देश और दुनिया के सामने लाते हैं. जान जोखिम में डालकर वो अपने पेशे के साथ खड़े रहते हैं उसके बाद भी उनके बारे में नक्सली इस तरह की बात लिख रहे हैं जिससे वो दुखी हैं.
पुलिस बोली जांच कर रहे हैं ,कांग्रेस ने कहा नक्सलियों की बौखलाहट है
इस पूरे मामले को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गंभीरता से लिया है. बस्तर रेंज के आईजी पी.सुंदरराज ने एबीपी न्यूज़ से बातजीत में कहा की पुलिस इस प्रेस नोट की जांच कर रही है. पत्रकारों और समाजसेवी सहित सभी नागरिकों के सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है. किसे कितनी सुरक्षा दी जाएगी इस बात को हम सार्वजनिक नहीं कर सकते. वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है की ये नक्सलियों की बौखलाहट है जो बस्तर के उन पत्रकारों को धमका रहे हैं जो सबसे ज्यादा जोखिम लेकर पत्रकारिता कर रहे हैं. सरकार पत्रकारों के साथ है और उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है.
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