जगदलपुर। जिले के ग्राम पंचायत नारायणपाल के सरपंच व उपसरपंच को लाखों रुपए की राशि गबन करने के मामले में जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर इनसे गबन की राशि वसूलने के आदेश दिए गए हैं। सरपंच और उपसरपंच के साथ-साथ गांव के सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक और कार्यक्रम अधिकारी से भी बस्तर कलेक्टर ने गबन की राशि वसूलने के आदेश जारी किए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत नारायणपाल के सरपंच सकरुराम कश्यप और उपसरपंच धरमु कश्यप ने डबरी निर्माण के लिए फर्जी मस्टररोल बनाकर मजदूरों को भुगतान देने के नाम पर एवं गांव में नाली निर्माण, सड़क निर्माण को लेकर लगभग 2 लाख 73 हजार रुपए निकाल लिए जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से की।
इसकेे बाद इसके लिए जांच बैठाई गई और जांच टीम में बस्तर ब्लॉक के एसडीएम, मनरेगा के एपीओ के साथ ही राजस्व विभाग की टीम भी शामिल थी, जांच में पाया गया कि नारायणपाल पंचायत के सरपंच सकरुराम कश्यप और उपसरपंच धरमु कश्यप बघेल ने गांव में विभिन्न विकास कार्य के नाम पर शासन के लाखों रुपए निकाल लिए हैं, इसके अलावा मनरेगा के तहत डबरी निर्माण और तालाब गहरीकरण के नाम पर फर्जी मस्टररोल बनाकर मजदूरों के हक का पैसा भी खा गए। जांच टीम ने पाया कि गांव के सरपंच और उपसरपंच ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ शासन के लगभग 2 लाख 73 हजार रुपए का घोटाला किया है। प्रशासनिक अधिकारी ने लगभग 2 लाख 73 हजार रुपए के घोटाला जांच में पाए जाने पर पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत दोनों ही जनप्रतिनिधि सरपंच और उपसरपंच को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर पदच्युत कर दिया है। इसके साथ-साथ इस पूरे गोरखधंधा में उनका साथ देने वाले रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, गांव के सचिव और कार्यक्रम अधिकारी से भी पूरी गबन की राशि वसूलने के आदेश शासन ने दिए हैं। वहीं इस पूरे भ्रष्टाचार में गांव के सचिव की भी उतनी ही मिलीभगत की बात सामने आ रही है। हालांकि जांच टीम ने सचिव से राशि वसूलने के ही आदेश दिए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि सचिव पर निलंबन की कार्रवाई की जानी चाहिए।