छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: शिक्षक ने सरकारी नौकरी छोड़ किसानी को बनाया आय का जरिया...धान और सब्जी उगाकर 20 लोगों को भी दे रहा रोजगार

Admin2
31 Dec 2020 6:43 AM GMT
छत्तीसगढ़: शिक्षक ने सरकारी नौकरी छोड़ किसानी को बनाया आय का जरिया...धान और सब्जी उगाकर 20 लोगों को भी दे रहा रोजगार
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छत्तीसगढ़/कोरबा। बी.ए., एल.एल.बी. करके कभी शिक्षक की नौकरी करने वाले नूतन राजवाड़े ने नौकरी छोड़ सब्जी उत्पादन को आय का जरिया बना लिया है। वर्तमान समय में सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षित होने वाले युवाओं के लिए खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए नूतन रोल माॅडल साबित हो रहे हैं। सरकारी नौकरी लगने के बावजूद नौकरी छोड़कर पैतृक किसानी के काम को आगे बढ़ाना निश्चित ही सराहनीय काम है। विकासखंड करतला के ग्राम पंचायत कनकी के निवासी श्री नूतन राजवाड़े खुद सब्जी उत्पादन करके आय अर्जित करने के साथ ही आसपास के लोगों के रोजगार के बारे मे भी सोच रखते हैं। अपने खेत में सब्जी उत्पादन करने वाले नूतन ने गांव के 20 लोगों को भी रोजगार दे रखा है। नूतन के खेत में काम करके मिलने वाले पैसे से 20 लोगों के परिवार की पेट-रोजी चल रही है। यह सब सम्भव हो रहा है नूतन के जज्बे, मेहनत, लगन तथा जिला प्रशासन के सहयोग से। नूतन को खेती में आगे बढ़ने और सब्जी उत्पादन को अच्छी आमदनी के रूप में स्थापित करने के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन, क्रेडा के तहत सहयोग किया गया है। पहले केवल परम्परागत तरीके से धान की खेती करने से औसत उपज होती थी और आर्थिक लाभ अधिक नहीं हो पाता था। उद्यानिकी विभाग के सम्पर्क में आकर खेती से संबंधित योजनाओं और तकनीकी मार्गदर्शन से सब्जी उगाकर नूतन को खूब मुनाफा हो रहा है।

कनकी के रहने वाले नूतन ने बताया कि उनके पास 10-11 एकड़ पैतृक जमीन है। उन्होंने खाने के लिए एक-दो एकड़ में धान का फसल लिया है। बाकी बची सभी जमीन में वह सब्जी की फसल ले रहे हैं। नूतन बताते हैं. कि पहले एक एकड़ में लौकी, करेला, बरबट्टी की खेती किया जिससे मुझे अच्छी आमदनी प्राप्त हुई। अच्छी आमदनी से उत्साहित होकर आज तीन एकड़ में हल्दी, बैंगन, बरबट्टी की खेती कर रहा हूँ। नूतन ने बताया कि वर्तमान में बैंगन, मिर्ची, अदरक, बरबट्टी के खेतों से तुड़ाई जारी है तथा गोभी, टमाटर अगले फसल के लिए लगा रहे हैं। नूतन बताते हैं कि सब्जी की खेती से पिछले साल लगभग डेढ़ लाख रूपए की आमदनी हुई थी। इस वर्ष अभी तक दो लाख 50 हजार रूपए की आय प्राप्त हो चुकी है तथा मौसम समाप्त होते तक एक लाख और आय होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चें हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। खेती से होने वाले आय से अपने परिवार के स्वास्थ्य और शिक्षा की अच्छी तरह देखभाल कर पा रहा हूँ। नूतन ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन और सहयोग से उत्पादकता अधिक और उत्पादन लागत में कमी आयी है। राष्ट्रीय बागवानी योजना और राज्य पोषित योजनांतर्गत विभाग से मल्चिंग, सेडनेट, और ड्रिप प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि क्रेडा के सहयोग से तीन एचपी का सोलर पम्प भी खेत में स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन के सहयोग से सब्जियों के भण्डारण के लिए गोडाउन भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग से उगाने के लिए बैंगन, गोभी, टमाटर, धनिया, मेथी, भिण्डी, मिर्ची भी प्राप्त हुआ है। नूतन सब्जी उत्पादन के अलावा जैविक खाद का भी उत्पादन कर रहे हैं।
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