छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 16 फरवरी से खुलेगी स्कूल, 9वीं से 12वीं तक लगेंगी कक्षाएं

Admin2
12 Feb 2021 5:35 AM GMT
छत्तीसगढ़: 16 फरवरी से खुलेगी स्कूल, 9वीं से 12वीं तक लगेंगी कक्षाएं
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प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल खोलने फिलहाल फैसला नहीं

रायपुर (जसेरि)। प्रदेश के हाई व हायर सेकंडरी स्कूल (9 से 12वीं ) 16 फरवरी से खुल जाएंगे। 13 फरवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। हालांकि कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर स्कूल खोले जाएंगे। पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण शुरू होते ही स्कूल बंद कर दिए गए थे। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखकर ऑनलाइन और मोहल्ला क्लास के जरिए पढ़ाई शुरू की गई थी। बोर्ड कक्षाओं में अभी प्रैक्टिकल परीक्षाएं होनी है। इसके अलावा बोर्ड परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इससे पहले नवमी से बारहवीं तक की नियमित कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्रियों से चर्चा के बाद अधिकृत रूप से इसकी घोषणा की जाएगी। इसी दौरान सभी विभागों को भी जरूरी को-ऑर्डिनेशन के लिए कहा जाएगा। फिलहाल हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों को खोला जाएगा, जिससे बच्चे कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां बरत सकें। इसके बाद अगली कड़ी में पहली से लेकर आठवीं कक्षाओं में पढ़ाई शुरू होगी। हालांकि नए सत्र से ही प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने की बात कही जा रही है।
स्कूल खोलने से पहले सेनिटाइजेशन कराना होगा। इसके अलावा बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य होगा। बैठक व्यवस्था में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। स्कूल की साफ-सफाई का भी विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा। इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। बच्चों को भी इसके बारे में खासतौर पर जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपने स्तर पर भी पूरी तरह सावधान रहें। स्कूलों में शिक्षकों को ध्यान रखना होगा कि किसी भी बच्चे में कोरोना के लक्षण दिखें तो तत्काल जांच और इलाज के लिए पहल करें।
इस माह के अंत तक खुलेंगे कॉलेज, हर क्लास में आधे छात्रों को अनुमति : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट 13 फरवरी को प्रदेश के सभी 509 कालेज खोलने और तारीख के बारे में फैसला करेगी, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश के सारे कालेज इस माह के अंत तक खोल दिए जाएंगे। हर क्लास 50 प्रतिशत छात्र क्षमता से शुरू होगी, यानी कक्षा में जितने छात्र हैं, पढ़ाई के दौरान क्लासरूम में उनमें से आधे (50 प्रतिशत) को ही मौजूद रहने की अनुमति होगी। कालेजों को इसी क्षमता के साथ छात्रों को बुलाने और उनकी बैठक की प्लानिंग करनी होगी। जो छात्र उपस्थित नहीं रहेंगे, उनके लिए यही क्लास ऑनलाइन चालू रहेगी, इसके इंतजाम भी करने के लिए कहा जाएगा। क्षमता से आधे छात्रों वाला फार्मूला केवल उन्हीं इलाकों के लिए लागू नहीं रहेगा, जहां छात्र दूर-दूर से पढऩे आते हैं अर्थात कनेक्टिविटी कम होगी। राजधानी समेत प्रदेशभर के कालेज 19 मार्च 2020 यानी देश में लॉकडाउन से 4 दिन पहले से बंद हैं, जो अब तक नहीं खुले। इनमें उच्च शिक्षा से जुड़े 509 सरकारी-गैर सरकारी कालेज शामिल हैं। हालांकि प्रोफेशनल और टेक्निकल शिक्षा से जुड़े कालेज भी तभी से बंद हैं, लेकिन अभी बात उच्च शिक्षा से जुड़े कालेजों की है। चूंकि छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती राज्यों में कालेज खुल चुके हैं, इसलिए माना जा रहा है कि प्रदेश कैबिनेट यहां भी कालेज खोलने का फैसला ले सकती है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां अभी कोरोना के औसतन डेढ़-दो सौ केस रोजाना निकल रहे हैं, इसलिए नियम-शर्तें सख्त होंगी।
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