छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: राजस्व सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र- खरीफ फसलों की क्षति की जानकारी शीघ्र भेजने के दिए निर्देश

Admin2
12 Oct 2020 9:37 AM GMT
छत्तीसगढ़: राजस्व सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र- खरीफ फसलों की क्षति की जानकारी शीघ्र भेजने के दिए निर्देश
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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव तथा राहत आयुक्त सुश्री रीता शांडिल्य ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरो को पत्र जारी कर मानसून 2020 के दौरान जिलों में अतिवृष्टि तथा बाढ़ आदि कारणों से खरीफ की फसलों की क्षति की जानकारी शीघ्र निर्धारित प्रपत्र में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा फसल क्षति के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रभावित किसानों को आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

राजस्व सचिव ने कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा है कि अतिवृष्टि बाढ़ आदि कारणों से फसल श्रति होने पर प्रभावित कृषकों को आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए फसल क्षति का सही आंकलन अत्यंत आवश्यक है क्योंकि राहत राशि का मापदण्ड निर्धारित करने के प्रयोजन के लिए क्षति का प्रतिशत कृषक द्वारा यथा स्थिति फसलों के अंतर्गत बोये गए कुल क्षेत्र के आधार पर परिमाणित किया जाना है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि नियमानुसार यदि किसी कृषक ने यथास्थिति खरीफ/रबी में कोई 1 हेक्टेयर क्षेत्र बोया है और बोये समस्त क्षेत्र प्राकृतिक आपदा से 60 प्रतिशत की सीमा तक क्षतिग्रस्त हो गया, तो फसल हानि का प्रतिशत 60 प्रतिशत माना जाएगा। यदि किसी कृषक ने यथास्थिति खरीफ/रबी के दौरान 4 हेक्टेयर क्षेत्रफल बोया हुआ है और उसमें से प्राकृतिक आपदा के कारण एक हेक्टेयर क्षेत्र में 50 प्रतिशत का नुकसान होकर शेष तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक आपदा से अप्रभाति रहा है तो फसल हानि का प्रतिशत 12.50 प्रतिशत माना जाएगा।

इसी प्रकार से फसल व हानि के लिए आर्थिक अनुदान दिए जाने की आवश्यक शर्त है कि हानि का प्रतिशत 33 प्रतिशत से अधिक हो। उस स्थिति में जबकि फसल पककर तैयार नहीं भी होता है, फसल का आंकलन किया जाना नजरी आधार पर किया जाता है। इस स्थिति में त्रृटि की संभावना विद्यमान रहती है, इसलिए यह आवश्यक है कि खरीफ फसल हानि का आंकलन राजस्व एंव आपदा प्रबंधन विभाग तथा कृषि एवं कृषक कल्याणतथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाए तथा 33 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर कृषक द्वारा धारित कुल रकबे में से फसल हानि के रकबे का परिमाणिक आंकलन कर यथास्थिति प्रावधानों के अनुरूप आर्थिक अनुदान राशि की गणना की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि एक खरीफ सत्र में फसल हानि होने पर प्रभावित कृषक विशेष को एक ही बार आर्थिक अनुदान प्राप्त होगा।

फसल हानि का आंकलन करते समय प्रभावित क्षेत्र का फोटोग्राफ्स् भी अनिवार्यतः लिया जाना चाहिए। प्रभावित कृषक को देय परिगणित आर्थिक अनुदान की गणना सही-सही किया जाना भी आवश्यक है। राजस्व सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि मानसून-2020 के दौरान माह अगस्त में हुई अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुई फसल क्षति की वास्तविक जानकारी निर्धारित प्रपत्र में 15 दिवस के भीतर विभागीय ई-मेल आई.डी. [email protected] या फैक्स क्रमांक 0771-2510823 पर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें साथ ही आवश्यक राशि के संबंध में शीर्षवार मांग पत्र भी प्रषित करें।

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