छत्तीसगढ़/धमतरी। 9 दिन पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित विकास मोबाइल दुकान से 136 नग मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान की चोरी हुई थी. जिसकी कीमत 19 लाख 48 हजार रुपए थी. धमतरी पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मात्र 9 दिनों में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पूरी घटना को केवल 15 मिनट में अंजाम दिया था. चोरी के दौरान वे दुकान से DVR भी लेकर चले गए थे. पुलिस ने बताया कि सभी सदस्यों का घटना के दौरान मोबाइल बंद था. दुकान के ऊपर स्थित लॉज से मिले फुटेज में गिरोह में 9 सदस्यों का होना पता चला था. उनका एक और वीडियो फुटेज घटना के 20 मिनट बाद बस स्टैंड में भी देखा गया था. जिसके अनुसार तीन सदस्यों का बस में सवार होकर रायपुर जाने का पता लगा था. ये सदस्य रायपुर घड़ी चौक में उतरे थे. जिसके बाद इस संबंध में आगे का फुटेज नहीं मिल पाया. जिसके बाद शहर और आस-पास के क्षेत्र के साथ ही होटल व लॉज की चेकिंग की गई.
पुलिस ने यह भी बताया कि एक ही दिन में सात आरोपियों को अलग-अलग जगह से पकड़ा गया है. ये गैंग चोरी किये समान को तुरंत ही अन्य सदस्य के माध्यम से नेपाल के बाजार में खपा देते हैं. इस गैंग ने छत्तीसगढ़ के बड़े शहर जैसे राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर में मोबाइल दुकानों में चोरी को अंजाम देने के लिए दुकानों को टारगेट बनाया था. गैंग के सदस्य इस हद तक चोरी के लिए प्रशिक्षित है की ये कभी साथ में नहीं घूमते है. अलग-अलग ही घूम कर अपने काम को अंजाम देते है. पूरी रेकी के बाद निर्धारित दिन पर एक साथ मिलते हैं. इसमें से अचानक ही परिवार के एक व्यक्ति की मृत्यु के कारण दो सदस्य वापस चले गए थे. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दोनों बिहार के मोतिहारी के रहने वाले है. जिनके वापस आते ही ये गैंग सक्रियता के साथ पुनः नई घटना को अंजाम देने वाले थे.
पुलिस ने आगे की जानकारी देते बताया कि चोरों से लगातार पूछताछ करने पर पता चला कि ये विजयनगर के एक मोबाइल दुकान की रेकी कर दुकान को टारगेट बना चुके थे. इसी दौरान पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई और इस गैंग के 9 में से 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अलग-अलग लॉज में रुकना इनके वारदात को अंजाम देने का तरीका है. आरोपियों के पास से 89 हजार 1 सौ 99 रुपये नगद और 9 मोबाइल सेट के साथ पेपर कटर, सब्बल, चादर, जैकेट, बैग, चाबी बरामद किया गया है. घटना के दौरान ये चादर का उपयोग कर शटर के सामने आड़ बनाते थे और शटर को काट के उठा देते थे. इस कारण इस गैंग को चादर गैंग और शटर कटवा गैंग के नाम से पुकारा जाने लगा. ये सभी आपस में कोड से बात किया करते थे. इसके अलावा ये अपने काम को अंजाम देने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल कुछ इस तरह से किया करते थे जैसे- पुलिस को मास्टर और पेट्रोलिंग वाहन को आते देख चक्का डोलना, खतरे के आभास होने से हाथ ऊपर कर के इशारा करना, काम करने वाले सभी सदस्यों को काम के हिसाब से अलग-अलग नाम भी दिया करते थे जैसे- सरगना को मालिक कहते है, शटर तोड़ने वाले को पहलवान, अंदर घुसने वाले को प्लेयर कहा जाता है. गैंग का सरगना जिसे ये लोग मालिक कहते है चोरी की पूरी प्लानिंग और अन्य लोगों के काम का विभाजन करता है. साथ ही वह चोरी के समान को तुरंत ठिकाने लगाने के लिए नेपाल के लोगों से संपर्क करता है.
धमतरी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया. जिससे निकट भविष्य में राज्य में होने वाली अन्य बड़ी चोरी की घटना को रोका जा सके. सरगना गोविंद चौधरी उम्र 41 वर्ष को धमतरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरोह के सभी सदस्य बिहार का रहने वाले हैं. गिरोह का सरगना गोविंद चौधरी बिहार के सुपौल का रहने वाला है. इसके अलावा गिरोह में दिनेश पासवान, भरत-भूषण, योगंद्र प्रसाद, श्रीराम साह, राजेश्वर दास ये सभी ईस्ट चंपारण के रहने वाले है. वहीं एक अन्य आरोपी रामबाबू राय जितना का रहने वाला है.