छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: रिटायर्ड इंजीनियर को मिली जीत, हाई कोर्ट ने पैसे वसूली पर लगाई रोक

Admin2
3 Aug 2021 9:36 AM GMT
छत्तीसगढ़: रिटायर्ड इंजीनियर को मिली जीत, हाई कोर्ट ने पैसे वसूली पर लगाई रोक
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रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त सहायक अभियन्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने बताया कि शहीद गोपीचन्द कॉलोनी, जरहाभाठा, बिलासपुर निवासी प्रदीप कुमार डाहिरे जिला-बिलासपुर में जल संसाधन विभाग में सहायक अभियन्ता के पद पर पदस्थ थे। 28 फरवरी 2021 को उनकी 62 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मुख्य अभियन्ता द्वारा उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया।

सेवानिवृत्ति के 04 (चार) माह पश्चात्‌ मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, बिलासपुर द्वारा उनके विरूद्ध रिटायरल ड्यूस से वसूली आदेश जारी कर दिया गया। उक्त वसूली आदेश से क्षुब्ध होकर प्रदीप कुमार डाहिरे द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह के वाद में पारित न्यायदृष्टांत में यह निर्णय दिया गया था कि सेवानिवृत्त (रिटायर) कर्मचारी से किसी प्रकार की अधिक वेतन मुगतान का हवाला देकर वसूली आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही यदि किसी शासकीय कर्मचारी को रिटायरमेन्ट के 05 (पांच) वर्ष पूर्व कई वर्षों तक अधिक वेतन भुगतान कर दिया गया है तो सेवानिवृत्ति के पश्चात्‌ उक्त शासकीय कर्मचारी से अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर किसी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी सैम कोशी द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात्‌ रिट याचिका को स्वीकार कर सेवानिवृत्त सहायक अभियन्ता प्रदीप कुमार डाहिरे के विरूद्ध रिटायरमेन्ट के पश्चात्‌ जारी वसूली आदेश पर स्थगन (सटे) करते हुए मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग को यह निर्देशित किया गया कि वे याचिकाकर्ता को अन्य सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करें।

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