छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: चार गांवों के ग्रामीणों के लिए राहत भरी खबर, गर्मी के दिनों में भी मिलेगा शुद्ध पेयजल

Shantanu Roy
19 Sep 2021 6:58 AM GMT
छत्तीसगढ़: चार गांवों के ग्रामीणों के लिए राहत भरी खबर, गर्मी के दिनों में भी मिलेगा शुद्ध पेयजल
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिलासपुर। जिले के तीन ब्लाक के चार गांवों के ग्रामीणों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। गर्मी के दिनों में अब बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में एक करोड़ 25 लाख 78 हजार स्र्पये की प्रशासकीय स्वीकृत पर अपनी समिति जताई है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में पाइप लाइन बिछाने और लोगों के घरों में नल कनेक्शन के जरिए पेयजल आपूर्ति की जाएगी।

विकासखंड तखतपुर के ग्राम खम्हरिया में 97.73 लाख स्र्पये,विकासखंड बिल्हा के ग्राम बरतोरी में 109.50 लाख स्र्पये एवं विकासखंड कोटा के ग्राम अमाली में 179.36 लाख स्र्पये और ग्राम बेलगहना में 125.78 लाख स्र्पये की योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।योजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने ठेका कंपनी के सामने शर्त रखी गई है। योजना के कार्यों के क्रियान्वयन के पूर्व कार्य विभाग को मैन्युअल प्राविधानों के तहत विस्तृत प्राक्लन तैयार कर सक्षम अधिकारी द्वारा तकनीकी स्वीकृति जारी की जाएगी। योजना का बार चार्ट बनाकर समय सीमा में क्रियान्वयन करना जरुरी
है।

इसकी एक प्रति इस कार्यालय प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के एक पखवाड़े के अंदर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराया जाना संबंधित कार्यपालन अभियंता सुनिश्चित करेंगे। योजना पूर्ण कर परीक्षण एवं परिचालन करते हुए संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरण करना होगा। योजना के अनुबंधित एवं वित्तीय पहलुओं पर संबंधित खंड कार्यालय में महालेखाकार कार्यालय द्वारा पदस्थ अथवा प्रभार में कार्यरत संभागीय लेखापाल आवश्यक रूप से शासन के समस्त निर्देशोंमार्गदर्शिकानुसार अभिलेखों का संधारण तय करेंगे।

सीसी, यूसी तैयार करते समय तथा रोकड़ पुस्तिका एवं सीएजी आडिट में व्यय के मिलान से संबंधित आंकड़ों में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। योजना में विश्वसनीय स्त्रोत उपलब्ध होने पर ही योजना के स्वीकृति कार्यों का क्रियान्वयन कराई जाएगी। योजना के क्रियान्वयन में पंचायत को तीसरी पार्टी के रूप में अनुबंध में शामिल करना होगा। योजना के अंतर्गत कार्यों को तृतीय पार्टी निरीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाए।

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