रायपुर। रीना चक्रधारी को लगता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना महिलाओं के लिए ही लागू की है, हालांकि इस योजना में ऐसा कोई बंधन नहीं है, स्त्री-पुरुष सभी इससे लाभान्वित हो रहे हैं। रीना ने मुख्यमंत्री से कहा कि बहुत दिनों से सोने की बाली बनाने की इच्छा थी, जो अब जाकर पूरी हुई। असल में, कांकेर जिले के नवागांव भावगीर की रीना चक्रधारी के गांव में जब गौठान शुरु किया तो दूसरी बहुत सी महिलाओं के साथ मिलकर उसने भी गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम शुरु किया। इस काम से 01 लाख 51 हजार रुपए कमा लिए। महिलाओं ने जितना सोचा था, उससे ज्यादा मिला। इससे उनका उत्साह बढ़ गया। जय मां अंबे स्व सहायता समूह की रीना चक्रधारी अपने समूह की 10 महिलाओं के साथ जिस गौठान में वे वर्मी कंपोस्ट बनाया करती थीं, उसी में सब्जियों का उत्पादन भी शुरु कर दिया। सब्जियों की खेती के साथ-साथ मशरूम और फूलों और सब्जी की खेती भी करने लगीं। उन्हें सब्जियों से भी 83 हजार रुपए की आमदनी हो चुकी है। समूह की दूसरी 10 सदस्यों की तरह रीना के जीवन में भी बदलाव शुरु हो गया। परिवार की माली हालत सुधर गई। रीना अब अपने बच्चे की पढ़ाई लिखाई पर खूब ध्यान देना चाहती है। परिवार की जरूरतें पूरी होने के बाद भी कुछ पैसे हाथ में बच जाते हैं। इन्हीं पैसों से उन्होंने अपने लिए सोने की बाली खरीदकर अपना एक सपना भी पूरा कर लिया।
कांकेर जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रीना से बातचीत की। रीना ने उन्हें बताया कि शासन के दूसरे विभाग के अधिकारी भी उनके गौठान में आते हैं और नयी-नयी योजनाओं की जानकारी देते हैं। गौठानों के माध्यम से महिलाओं के जीवन में आ रहे बदलाव को देखते हुए रीना सोचती हैं कि यह योजना महिलाओं के लिए ही लाई गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा आपने बहुत अच्छा किया है। आपका धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ लेकर दूसरे लोगों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।