रायपुर। कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच बलौदाबाजार-भाटापारा जिला मुख्यालय स्थित डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के डाक्टर एवं पूरी मेडिकल टीम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने में जुटी हुई है। इनके प्रयासों से गंभीर स्थिति में भर्ती मरीज भी पूरी तरह से स्वस्थ हो रहे हैं। एक और जहां मरीजों की मजबूत इच्छाशक्ति और बुंलद हौसलें वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों एवं प्रशासन के द्वारा बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर मरीज जल्द ही स्वस्थ होकर अपने घर लौट रहें है। ऐसे ही जिले के कुछ मरीजों ने अपने अनुभव आज साझा किये है।
कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मानदीप निवासी 80 वर्षीय वेदमती पटेल एवं उनके 50 वर्षीय पुत्र रविन्द्र पटेल दोंनो कोरोना से संक्रमित हो गये थे। रविन्द्र पटेल ने बताया की माँ में कोरोना के लक्षण दिखने पर मैंने तत्काल ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक लोकेश नायक से सलाह लिया।उन्होंने मुझें तत्काल कोरोना का एंटीजन टेस्ट कराने का सलाह दिया। मैंने तत्काल 18 फरवरी को पास स्थित स्वास्थ्य केंद्र जाकर टेस्ट कराया जिसमें हम दोनो का रिपोर्ट पाजेटिव आया। साथ ही मेरी माँ का ऑक्सीजन लेवल भी बहुत कम हो रहा था। आरएचओ ने हमें जिला हॉस्पिटल में भर्ती होने की सलाह दिया एवं उसी शाम को ही 108 एम्बुलेंस से डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बलौदाबाजार में एडमिट हुए। जब हास्पिटल में लाया गया तब उनकी स्थिति काफी खराब थी आक्सीजन लेवल 80 तक चला गया था। साथ ही उन्हें बीपी की भी समस्या थी। इस मुश्किल मामले में डाक्टर शैलेन्द्र साहू एवं उनकी टीम ने कड़ी मेहनत की और उनकी स्थिति सामान्य हुई। 12 दिनों तक आईसीयू में रहने के बाद 1 मार्च को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद दोनों स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। फोन में चर्चा करते हुए वेदमती ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ सकारात्मक सोच रखना भी जरूरी है। वे डाक्टरों एवं उनकी टीम को धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि विपरीत परिस्थिति में भी डॉक्टरों से सही उपचार मिलने से वे आज स्वस्थ हैं।
इसी तरह बलौदाबाजार विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सकरी निवासी 67 वर्षीय आजू राम साहू एवं उनकी पत्नी 61वर्षीय ईन्दा बाई साहू दोनो कोरोना से संक्रमित हो गये थे। उन्होंने बताया कि कोरोना के सामान्य लक्षण दिखने पर 2 अप्रैल को गांव में ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगाये गये टेस्टिंग कैम्प में जाकर जांच कराया गया जिसमें रिपोर्ट पाजेटिव आया। हमें तत्काल मेडिकल किट प्रदान की गई एवं हमने होम आईसोलेशन ने रहना प्रारंभ कर दिया। पर कुछ दिनों बाद खांसी बढ़ने लगी एवं साथ ही सांस लेने की तकलीफ बढ़ती जा रही थी,आक्सीजन लेवल भी हम दोनो का 90 से कम आ रहा था। डॉक्टर की सलाह पर 8 अप्रैल को जिला कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हो गये। डाक्टर शैलेन्द्र साहू एवं उनकी टीम ने कड़ी मेहनत की और उनकी स्थिति सामान्य हुई। करीब 7 दिनों तक आईसीयू में रहने के बाद 14 अप्रैल को पूरी तरह से स्वस्थ होकर उन्हें डिस्चार्ज कर दी गयी है। आज दोनों स्वस्थ होकर घर मे सामान्य तरह से रह रहे है। आजू राम ने बताया इस विकट परिस्थितियों में मेडिकल स्टाफ एवं डॉक्टरों ने जो मेहनत कर रहे है वह काफी काबिले तारीफ हैं। हमें हॉस्पिटल में जरा भी तकलीफ नही हुई वहां सभी व्यवस्था अच्छी हैं। डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने पर उन्होंने डॉक्टरों,नर्सो एवं स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त किया है।