छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 19 नवंबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना, बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती घेरा

Nilmani Pal
14 Nov 2021 11:24 AM GMT
छत्तीसगढ़: 19 नवंबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना, बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती घेरा
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रायपुर। भारत मौसम विभाग, रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर अंदरूनी तमिलनाडु और उसके आसपास स्थित है तथा यह 3.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणिका उत्तर अंदरूनी तमिलनाडु से गंगेटिक पश्चिम बंगाल तक आंध्र प्रदेश और उड़ीसा होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। जिसके प्रभाव से 14 नवंबर को जिले के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट तथा न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। इसके साथ ही एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा थाईलैंड और उसके आसपास दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर स्थित है, इसके प्रभाव से एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रबल होकर और अवदाब के रूप में उत्तरी अंडमान सागर और उससे लगे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर 15 नवंबर को पहुंचने की संभावना है। उसके बाद यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए और प्रबल होकर आंध्रप्रदेश के तट पर उसके अगले 48 घंटे में पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से 18 और 19 नवंबर को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

मौसम के इस बदलाव को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने कोरबा में आने वाले दिनों में हल्की वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में लगी धान की फसल को 19 नवंबर के बाद ही काटना शुरू करें। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को 19 नवंबर तक धान कटाई स्थगित रखने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि कट चुकी धान की फसल को तत्काल खेतों से उठाकर खलिहानों में बारिश से बचाने के उपाय करते हुए सुरक्षित रखें। कटी फसल को खलिहानों में तिरपाल आदि से ढंककर बारिश से बचाएं।

जिले में बदलते मौसम को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने सभी राजस्व अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के मैदानी अमले को भी हल्की बारिश से फसल क्षति के बारे में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बारिश के कारण खराब हुई फसलों की पूरी जानकारी एकत्र कर तत्काल प्रशासन को उपलब्ध कराने को भी कहा है। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को फसल क्षति की जानकारी मिलते ही मौका-मुआयना कर क्षति का आंकलन करने और किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए क्षतिपूर्ति प्रकरण तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।

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