छत्तीसगढ़। सुकमा जिले के दूरस्थ अंचलों में अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की कोशिशें सफल हो रहीं हैं। पिछले 14 वर्षों से बंद पड़े ग्राम मेहता के उप स्वास्थ्य केन्द्र में जब ग्रामीण लक्ष्मी को पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई तब स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी मेहनत सफल दिखी। एक स्वस्थ बालिका के जन्म से पूरे स्वास्थ्य केंद्र में खुशियों की लहर दौड़ गई। अपने पहले बच्चे को घर में ही जन्म देने वाली लक्ष्मी ने कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में दूसरे बच्चे के जन्म पर खुशी जताने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेहता में स्वास्थ्य केंद्र का संचालन पुनः प्रारंभ कर दूरस्थ अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के संकल्प को पूरा किया है।
दो महीने पहले शुरू हुए उप सवास्थ्य केंद्र में अब तक तीन गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव किया गया है। पटेलपारा, मेहता निवासी श्रीमती लक्ष्मी ने 28 दिसंबर को एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया। वहीं उसके अगले ही दिन ग्राम दोरामंगू निवासी गर्भवती महिला श्रीमती आयते बुधरा एवं श्रीमती राजे गंगा ने सफल प्रसव से स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। उप स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए यह किसी उपलब्धि से कम नहीं हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी माह में भी 3 महिलाओं की प्रसव तिथि संभावित है।
मुश्किलें बहुत पर हौसले हैं बुलंद
डॉ रुद्रमणि वैष्णव, ग्रामीण सहायक चिकित्सक ने बताया कि मेहता में पदस्थ पुरुष एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उप स्वास्थ्य केंद्र मेहता के सफल संचालन के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी है। पूर्व में कोई भी भवन ना होने के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं आम जन तक मुहैया कराने में कठिनाई होती थी। गर्भवती महिलाओं के सफल प्रसव के लिए कोंटा या मरईगुड़ा के स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाना पड़ता था, वहीं कुछ महिलाएं सीमा से लगे राज्य आंध्रप्रदेश के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने जाती थी। पहले ग्रामीण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए कोंटा या मरईगुड़ा जाने पर विवश थे किन्तु अब मेहता में ही उप सवास्थ्य केंद्र के संचालन से स्थानीय लोगों को सहूलियत हुई है।
9 आश्रित गांवों के ग्रामीणों को मिल रही चिकित्सकीय सुविधा
मेहता ग्राम में उप स्वास्थ्य केंद्र के संचालन से क्षेत्र के आसपास के ग्रामीणों को भी राहत मिली है। पहले उन्हें उपचार के लिए लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय कर कोंटा या मरईगुड़ा स्थित चिकित्सा केंद्र जाना पड़ता था। मेहता से लगे दुरमा, पुसगुड़ा, गंगराजपाड़, पिलावाया, भंडारचेलका, डब्बापाड़, निलकातोंग और कनहईगुड़ा के ग्रामीणों को भी उप स्वास्थ्य केंद्र के पुनः प्रारम्भ से सीधा लाभ मिला है, अब उन्हें चिकित्सकीय सुविधा का लाभ लेने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। जिले में बढ़ते स्वास्थ्य सुविधाओं से अब अंदरुनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को भी पूर्ण लाभ पहुंचाया जा रहा है। जो जाहिर तौर पर शासन और प्रशासन का आम जन के प्रति कर्तव्य को दर्शाता है और चिकित्सा और स्वास्थ्य के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की पहुंच जिले के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में नए आयाम कायम कर रहा है।