छत्तीसगढ़। कांकेर जिले के किसान धान के अलावा अन्तवर्तीय फसल की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं। विकासखण्ड कांकेर के ग्राम दशपुर के युवा कृषक प्रकाश चन्द निषाद ने 1.5 एकड़ भूमि पर पारम्परिक विधि से धान की खेती करते थे, साथ ही साथ खेतों के आस-पास स्थित कुसुम के वृक्षों को लीज पर लेकर लाख पालन करते थे, जिससे उन्हें वर्ष में लगभग 67 हजार 800 रूपये तक की आमदनी हो जाती थी। इस आमदनी से वह संतुष्ट नहीं था, उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर से सम्पर्क कर सेमियालता में लाख की खेती करना आरम्भ किया। कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत उन्हें ड्रिप एवं सेमियालता के पौधे प्रदान किये गये।
कृषक प्रकाश चन्द निषाद ने अपने 1 एकड़ भूमि में ड्रिप पद्धति में सेमियालता पौधों का रोपण किया। चॅूकि लाख की खेती के लिए पौधा तैयार होने में एक वर्ष का समय लगता है, इस अवधि में उन्होंने अन्तवर्तीय सब्जी की खेती वैज्ञानिक विधि से प्रारम्भ कर लगभग 40 हजार रूपये एवं सेमियालता बीज से 36 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त किया। उनके द्वारा 0.5 एकड़ कृषि भूमि में खरीफ सीजन में धान की फसल तथा रबी सीजन में मक्का की फसल ली गई, जिससे उन्हंे 32 हजार 200 रूपये की आमदनी प्राप्त हुई। सेमियालता पौधे में जून माह में लाख बीज का निवेशन किया, जिससे कृषक को लगभग 1 लाख 08 रूपये की आय प्राप्त हुई। अब प्रकाश प्रतिवर्ष लाख उत्पादन कर सफल कृषक और खुद अच्छी आमदनी कमाकर वह दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।