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छत्तीसगढ़: लखपति नहीं रसोइया बना अपराधी...जानिए बच्चे के अपहरण की पूरी कहानी

Admin2
21 Feb 2021 12:50 PM GMT
छत्तीसगढ़: लखपति नहीं रसोइया बना अपराधी...जानिए बच्चे के अपहरण की पूरी कहानी
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छत्तीसगढ़ पुलिस के नाम आज एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। काम से निकाले जाने के खुन्नस और शीघ्र लखपति बनने के इरादे से जांजगीर बाराद्वार निवासी खिलावन महंत खरसिया क्षेत्र के व्यापारी के 6 वर्षीय बालक शिवांश अग्रवाल का अपने साथियों के साथ अपहरण कर पेशेवर गिरोह के जरिए 25 लाख रुपए फिरौती मांगने की तैयारी में था। लेकिन उनके इरादों पर पानी फेरते हुए रायगढ़ पुलिस ने झारखंड पुलिस की मदद से घटना की सूचना के महज 8 घंटे के भीतर "ऑपरेशन शिवांश" चलाकर आरोपियों के कब्जे से बच्चे को सकुशल बरमद कर लिया।

पुलिस ने बताया कि कल खरसिया के व्यवसायी रमेश कुमार अग्रवाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके घर में रसोइया का काम करने वाले निखिल महंत उर्फ खिलावन उनके 06 साल के पोते शिवांश अग्रवाल को बिना बताए मोटर सायकल में बिठाकर कहीं ले गया। उन्होंने बताया कि निखिल महंत को कुक के काम पर रखे थे, आवश्यकता नहीं होने पर बीते दिनों उसे काम से निकाल दिया गया था। कल शाम कुक निखिल मोबाइल चार्जर लेने के बहाने फिर उनके घर आया और शिवांश को चिप्स दिलाने के बहाने ले गया और नहीं लौटा।

वहीं घटना की सूचना मिलते ही रायगढ़ एसपी संतोष सिंह जिले में नाकेबंदी का पांइट देकर तुरंत खरसिया चौकी पहुंचे। एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा को रायगढ़ मुख्यालय में सायबर टीम के साथ संदेही का लोकेशन ट्रेश करने व सीमावर्ती जिलों के थाना प्रभारियों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपा गया। एसडीओपी खरसिया पितांबर पटेल को अलग-अलग अधिकारियों की टीम बनाकर जांच में मिली जानकारी के अनुसार शीघ्र अलग-अलग दिशाओं में टीम रवाना किए। घटना की सूचना पाकर रात ही में बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी खरसिया पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी लेकर अधिकारियों को महत्तवपूर्ण दिशा निर्देश दिए।

डीजीपी डी एम अवस्थी द्वारा मामलें में आवश्यक निर्देश दिए जाते रहे। रायगढ़ एसपी द्वारा बनाई गई टीमों में चौकी प्रभारी खरसिया के हमराह में स्टाफ मुख्य संदेही खिलावन महंत के गृहग्राम बाराद्वार एवं पामगढ़ की ओर रवाना किया गया। एडिशनल एसपी रायगढ़ से मिल रही जानकारी व क्लू के आधार पर दो इंस्पेक्टर को घन्टें भर के अंदर रायगढ़-झारखंड के रास्ते रवाना किया गया। एसडीओपी खरसिया के साथ अन्य स्टाफ संदेही के लोकल संपर्क सूत्रों के यहां लगातार छापेमारी की जा रही थी। तभी आरोपियों के सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देने की जानकारी सामने आई। शातिर आरोपियों ने पुलिस की नाकेबंदी के रास्तों को जानते हुए मुख्य मार्ग को छोड़ते हुए पहाड़ी व अंदरूनी रास्तों का प्रयोग करते बम्हनीनडीह- नंदेली- तारापुर अमलीभौना होते हुए रायगढ़ की सीमा पार करने की जानकारी मिली। जबकि खरसिया में संदेही अपने परिचितों को बिहार जाने की बात बताया था ताकि पुलिस बिहार की ओर टीम रवाना करें। यही नहीं संदेही खिलावन महंत बालक को घर से मोटरसाइकिल में बिठा कर ले गया था। CCTV फुटेज में भी वह बाइक में दिखा लेकिन अपने साथियों के साथ अपनी पूर्व प्लानिंग अनुसार खिलावन महंत पुलिस को चकमा देने बाइक से निकला और रास्ते में बाइक छोड़ अपने दो साथी अमर दास महंत व संजय सिदार (ड्राइवर) जो किराए की अर्टिगा कार के साथ रास्ते में उसका इंतजार कर रहे थे, उनसे मिला । अब तीनों आरोपी बालक को कार में बिठाकर झारखंड रवाना हुए, वे इस घटना में अपने को सुरक्षित रखने झारखंड के पेशेवर अपहरण गिरोह को सौंपने के लिए सम्पर्क कर रहे थे, उसके बाद आरोपियों की योजना बालक के पिता से 25 लाख रुपए की डिमांड करने की थी।

रायगढ़ एसपी सभी पहलुओं को बारीकी से जांच कर आरोपियों के बिहार, झारखंड, उड़ीसा जाने की संभावना को देखते हुए इन राज्यों की पुलिस से कोऑर्डिनेट कर इन राज्यों की पुलिस के अलर्ट कर संदेहियों का डिटेल शेयर किया गया। झारखंड के सभी संबंधित एसपी से लगातार संपर्क करते रहें व रायगढ़ की पीछा करने वाली टीम को निर्देशित किया। इसी बीच आरोपियों के अर्टिगा कार से खूंटी झारखंड की ओर जाने की जानकारी मिली। खरसिया से रवाना हुई 2 इंस्पेक्टरों की टीम इस कार का पीछा कर रही थी। आगे इस टीम द्वारा खूंटी पुलिस को कार एवं संदेहियों का हुलिया बताकर नाकेबंदी का पाइंट दिया गया, जिस पर खूंटी पुलिस द्वारा आरोपियों की कार को रोका गया और पीछे-पीछे तभी रायगढ़ पुलिस की टीम पहुंची। जहां आरोपियों के कब्जे से बालक शिवांश को सकुशल बरामद कर खरसिया लाया गया है। आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों द्वारा 25 लाख फिरौती के लिए बालक का अपहरण करने की बात बताई जा रही है, इस कार्य के लिए वे झारखंड के एक पेशेवर गिरोह के संपर्क मेंथे ।

डीजीपी डी.एम. अवस्थी द्वारा झारखंड पुलिस को सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया गया है। उन्होंने ट्वीट पर रांची, खूंटी, सिमडेगा पुलिस को सहयोग के लिये धन्यवाद दिए हैं । रायगढ़ एसपी द्वारा झारखंड पुलिस विशेष तौर पर खूंटी पुलिस को प्रशस्ति पत्र प्रेषित कर आभार प्रकट करना बताए हैं । रायगढ़ पुलिस को मिली सफलता पर डीजीपी डीएम अवस्थी द्वारा बालक को सकुशल बरामद करने वाली टीम के लिये 01 लाख रुपए इनाम की घोषणा की गई हैं। आई जी बिलासपुर ने 10 हजार रुपए इनाम की घोषणा किए। खरसिया क्षेत्र सहित जिले के सभी नागरिकों द्वारा पुलिस की इस त्वरित कार्यवाई की प्रशंसा की जा रही है।


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