छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: श्रवणबाधित भागेश्वर बने दिव्यांगजन के लिए प्रेरणा...आटो पार्ट्स एवं रिपेयरिंग की दुकान खोलकर कर रहे लाखों की कमाई

Admin2
27 Nov 2020 11:01 AM GMT
छत्तीसगढ़: श्रवणबाधित भागेश्वर बने दिव्यांगजन के लिए प्रेरणा...आटो पार्ट्स एवं रिपेयरिंग की दुकान खोलकर कर रहे लाखों की कमाई
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समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत निःशक्तजन वित्त विकास निगम द्वारा संचालित दिव्यांगजन स्वरोजगार ऋण योजना दिव्यांगजनों के लिए सहयोगी साबित हो रही है। योजना के माध्यम से दिव्यांगजनों को ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें स्वरोजगार एवं मुख्य धारा में जोड़नें का कार्य समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। योजना का लाभ लेकर महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के लाखागढ़ गांव के निवासी भागेश्वर गजेन्द्र न सिर्फ आत्मनिर्भर एवं सफल उद्यमी बन गए है बल्कि चार अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। वे अपने संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी बखूबी उठा रहे है।

श्रवणबाधित भागेश्वर के पिता का आकस्मिक निधन वर्ष 2009 में हो गया। उस समय भागेश्वर की आयु मात्र 20 वर्ष थी। अचानक उनके पिता का साया सर से उठ जाने से उन पर पहाड़ टूट पड़ा। घर में बड़े होने के नाते उनकी दो बहनों, एक भाई का दायित्व उनके कंधे में आ गया। इससे उन्हें काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसके चलते वे आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए किन्तु अपने भविष्य और परिवार को लेकर वे काफी चिंतित रहा करते थे। वे हमेशा आगे बढ़ने की सोचा करते थे। एक दिन उनके मन में विचार आया कि अपना कोई काम शुरू कर आत्मनिर्भर बनें। उन्हें पता चला कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत निःशक्तजन वित्त विकास निगम द्वारा स्वरोजगार के लिए निःशक्तजनों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है। तब उन्होंने समाज कल्याण विभाग पहुंचकर योजना के बारंे में जानकारी ली। अधिकारियों के बताए अनुसार उन्होंने स्वरोजगार के लिए आवेदन कर दिया। विभाग ने उनके लिए आटो पार्ट्स इकाई स्थापना के लिए दो लाख 69 हजार 820 रूपए का ऋण 6 प्रतिशत् सालाना ब्याज की दर से स्वीकृत किया गया। इसके उपरांत उन्होेंने स्वीकृत ऋण से पिथौरा में आटो पार्ट्स की दुकान डाली।

भागेश्वर गजेन्द्र ने लगन और मेहनत से व्यवसाय कर कुछ वर्षों में मासिक किश्त के माध्यम से पूरा ऋण चुका दिया। जिसके कारण विभाग ने उनका नाम उत्थान सब्सिडी का लाभ देने के लिए चयन किया तथा उनके ब्याज राशि में 25 प्रतिशत् की छूट प्रदान की गई। वे वर्तमान में पिथौरा में अपने आटो पार्ट्स की दुकान संचालित कर रहें हैं। जहां कार, मोटर सायकल रिपेयरिंग एवं ऑटो पार्ट्स की बिक्री कर रहें हैं। वर्तमान समय में श्री भागेश्वर गजेन्द्र आत्मनिर्भर एवं सफल उद्यमी है। उन्होंने अपने दुकान में चार अन्य कर्मचारियों को भी रोजगार उपलब्ध कराया है। उन्हें व्यवसाय से प्रतिवर्ष लगभग 3 लाख रूपए की आमदनी प्राप्त हो रही है। अब वे पूरी तरह आर्थिक रूप से सक्षम होकर समाज की मुख्य धारा से जुड़कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर रहें है। श्री भागेश्वर गजेन्द्र को अन्य दिव्यांगजनों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में जाना जाता है।

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