छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: बढ़ते अपराध, घिसटती पुलिस...!

Admin2
15 Oct 2020 6:40 AM GMT
छत्तीसगढ़: बढ़ते अपराध, घिसटती पुलिस...!
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राजधानी में मेट्रोपालिटन सिटी की तर्ज पर हो पुलिस व्यवस्था...

सालों से ढर्रे पर चल रही व्यवस्था को बदलने की जरुरत

अतुल्य चौबे

रायपुर। राजधानी समेत पूरे राज्य में अपराध और अवैध कारोबार चरम पर है। हत्या, दुष्कर्म, लूट-चोरी, चाकूबाजी, मारपीट जैसे अपराध के साथ नशा, सट्टा-जुआ, अवैध शराब के धंधे जोरों पर है। पुलिस अचानक छापेमारी कर कुछ मामलों में धरपकड़ कर रही है लेकिन ऐसे छापेमारी और कार्रवाई से आपराधिक और अवैध गतिविधियों को रोका जाना संभव नहीं है। इन पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए इनके खिलाफ लगातार और प्रभावी कार्रवाई जरूरी है। लेकिन बल की कमी और ड्यूटी के बोझ से दबे जवानों के साथ पुलिस प्रशासन के लिए यह सरल नहीं है। इसके लिए राज्य सरकार को पुलिसिंग की व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव करने की जरूरत है। राजधानी में भी मेट्रोपालिटन शहरों की तर्ज पर कमिश्नर प्रणाली लागू कर व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण किया जाना चाहिए।

प्रोटोकाल-वीआईपी सुरक्षा के साथ कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी


राज्य में प्रोटोकाल, वीआईपी सुरक्षा के साथ ही पुलिस को कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। ज्यादातर पुलिस जवान और अधिकारी प्रोटोकाल और वीआईपी सुरक्षा में तैनात रहते हैं इससे कानून व्यवस्था संभालने के लिए बल की कमी रहती है। थानों में स्टाफ की कमी के कारण जवानों को दो-दो, तीन-तीन शिफ्ट में काम करने पड़ते हैं। इससे संबंधित थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है। नियमित पेटोलिंग और अपराध नियंत्रण में भी चूक होती है। वहीं लगातार ड्यूटी और छुट्टियों के अभाव में परिवार से कटे होने के कारण जवान भी तनावग्रस्त रहते हैं। पुलिस प्रशासन ने जवानों व उनके परिजनों के आंदोलन के बाद जवानों के लिए साप्ताहिक अवकाश शुरू करने तथा मानदेय में वृद्धि की घोषणा किया था लेकिन अवकाश की सुविधा कुछ थानों में ही शुरू हो पाई थी, वह भी कोरोना के चलते बंद हो गई है।


विभाग का विकेन्द्रीकरण जरूरी

सरकार को राजधानी सहित बड़े शहरों में पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए व्यवस्था में बदलाव करना चाहिए। सालों से ढर्रे पर चल रही व्यवस्था को बदलते हुए विद्युत विभाग की तरह पुलिस विभाग का भी विखंडन करना जरूरी है। अलग-अलग व्यवस्थाओं के लिए पुलिस की अलग-अलग विभाग बनाए जाने चाहिए और उसकी जरूरत के हिसाब से ही भर्ती और नियुक्तियां होनी चाहिए। इससे बल की कमी नहीं होगी। मेट्रो शहरों में प्रोटोकाल और वीआईपी सुरक्षा के लिए अलग बल होते हैं। इसी तरह कानून व्यवस्था के लिए भी अलग पुलिस होती हैं। अपराध नियंत्रण के लिए क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स व साइबर क्राइम के लिए भी अलग शाखाएं होती हैं। छत्तीसगढ़ में सारी व्यवस्थाएं पुलिस के जवान ही संभालते हैं। पुलिस के अधिकारी-जवान ही प्रोटोकाल और वीआईपी ड्यूटी में तैनात किए जाते हैं, इन्ही के ऊपर कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी भी होती है। क्राइम ब्रंाच और साइबर क्राइम में भी पुलिस के ही जवानों को जिम्मेदारी दी जाती है। इससे कानून-व्यवस्था संभालने के लिए पर्याप्त बल नहीं रह जाते। इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ जाती है और अपराध बढ़ते हैं।


बढ़ते अपराध पर विपक्ष हमलावर

राजधानी और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर राजनीति भी शुरू है। पहले वाड्रफनगर, फिर कोंडागांव में रेप और राजधानी में ड्रग माफिया का खुलासा और फिर शहर के बीचो-बीच कारोबारी की हत्या की घटना को लेकर विपक्ष हमलावर है। भाजपा ने सीएम एवं गृहमंत्री से पूछा है कि आखिर किसके सरंक्षण पर प्रदेश भर में नशा एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है? प्रदेश मेें बहन बेटियों पर हो रहे अनाचार के लिए कौन जिम्मेदार है? कानून व्यवस्था में लापरवाही और लचर प्रशासनिक व्यवस्था साफ दिखाई दे रही है। पूरी की पूरी सरकार सिर्फ और सिर्फ धंधा पानी में लगी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। आपराधिक तत्वों में प्रशासनिक भय नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है। किसी के संरक्षण के बगैर ऐसा संभव भी नहीं है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बलात्कार और हत्याओं को रोकने में सरकार विफल हो रही है। राज्य के लॉ एंड ऑर्डर का हाल बेहाल है।


सरकार का दावा-अपराध पर नियंत्रण

दूसरी ओर राज्य सरकार महिला अपराधों में कमी आने का दावा कर रही है। मुख्यमंत्री ने गत दिवस पुलिस विभाग के कार्यो की समीक्षा की थी, इस दौरान यह बात सामने आई। मुख्यमंत्री ने महिला अपराधों के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही करने की चेतावनी भी दी। वहीं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त है और पुलिस बहुत बढिय़ा कार्य कर रही है। नशे के कारोबार पर कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में पूरे प्रदेश में गांजा, एवं अन्य नशीले पदार्थों के सामग्री व्यापक पैमाने पर जप्त करते हुए आरोपियों की धर-पकड़ की कार्रवाई की जा रही है। भाजपा शासन में नशे का कारोबार खूब फला फुला। कांग्रेस की सरकार आने से जो कड़ाई अभी बरती जा रही है वो 15 वर्षों के लंबे कार्यकाल में यदि की जाती, तो यह कारोबार पनप ही नहीं पाता। कोंडागांव में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। महिलाओं के विरूद्व अपराधों में तत्काल कड़ी कार्रवाई करने सभी आईजी-एसपी को कड़े निर्देश दिए गए हैं।

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