छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: कोरोना मरीज वाले घरों को बनाया जाएगा कंटेनमेंट जोन, कलेक्टर ने दिए आदेश

Nilmani Pal
16 Dec 2021 4:30 PM GMT
छत्तीसगढ़: कोरोना मरीज वाले घरों को बनाया जाएगा कंटेनमेंट जोन, कलेक्टर ने दिए आदेश
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रायगढ़। हाल में आ रहे कोविड केसेस को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाए, जिन घरों से कोविड पॉजिटिव मरीज मिल रहे है उसे कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। घर के बाहर मार्किंग के साथ ही बेरीकेडिंग करें। मरीजों की कांटेक्ट टे्रसिंग कर सेम्पलिंग व टेस्टिंग करें। उक्त बातें कलेक्टर भीम सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर व नये ओमिक्रान वेरियेंट को लेकर पूरी सावधानी रखी जाए। अभी कोविड के कम मामले है, संक्रमितों के कांटेक्ट से ही केसेस निकल रहे है। ऐसे में पूरी गंभीरता के साथ कंटेनमेंट प्रोटोकाल का पालन किया जाए, जिससे कोविड संक्रमण को शुरूआत में ही रोका जा सके। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्वास्थ्य सहित अन्य सभी विभागों के साथ समन्वय करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर सिंह ने जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी व सिटी स्केन जांच के संबंध में डीन मेडिकल कालेज व अधीक्षक जिला अस्पताल से चर्चा की। उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक के लिए बरमकेला में पदस्थ चिकित्सक की पदस्थापना जिला चिकित्सालय में करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में हाट-बाजार योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने विकास खण्डवार प्रति हाट-बाजार आ रहे मरीजों व उनको उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी हाट-बाजार क्लीनिक को संबंधित बाजार के समय अनुसार संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने हाट-बाजार में भेजे जाने के लिए डेडीकेटेड वाहन की खरीदी व ब्रांडिंग का काम इस माह के अंत तक पूरा करने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने इन क्लीनिक के संचालन में मरीजों के परीक्षण के लिए हाट-बाजार में शेड भी बनवाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर सिंह ने समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के साथ निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में चल रहे निर्माण गतिविधियों की जानकारी ली। ज्ञात हो कि हाऊसिंग बोर्ड द्वारा जिले के विभिन्न अस्पतालों के उन्नयन व एनआरसी सेंटर से जुड़े निर्माण कार्य किए जा रहे है। इस संबंध में कार्यपालन अभियंता द्वारा सभी कार्यों की सिलसिलेवार जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री सिंह ने कार्यों की धीमी प्रगति को लेकर कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन का कार्य प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए। इस दौरान उन्होंने जिले के अस्पतालों में किए जा रहे नवीन भवन निर्माण व अपग्रेडेशन, एनआरसी भवन के उन्नयन व निर्माण, हमर लैब, ब्लड बैंक निर्माण की विकासखण्डवार समीक्षा कर इन अस्पतालों के इंचार्ज अधिकारियों से भी काम की गुणवत्ता की जानकारी ली।

कलेक्टर सिंह ने जिले के अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे चिकि त्सकों की प्रतिमाह ओपीडी व आईपीडी में मरीजों के इलाज की भी समीक्षा की। उन्होंने इस मामले में टॉप टेन चिकित्सकों की सराहना करते हुए कमजोर प्रदर्शन वाले डॉक्टरों को शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों को निर्धारित समय पर ड्यूटी करना अनिवार्य है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर श्री सिंह ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के क्लेम के बारे में भी स्वास्थ्य केन्द्रवार समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा अपेक्षित संख्या में क्लेम नहीं करने को लेकर नाराजगी जतायी व 50 प्रतिशत से कम क्लेम किए गए स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी को उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, मेडिकल कालेज के डीन डॉ.पी.एम.लूका, सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केशरी, अधीक्षक मेडिकल कालेज डॉ.मनोज मिंज सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

पोषण पुनर्वास केन्द्र में हमेशा भरे हो बेड ऐसी बनाएं व्यवस्था

कलेक्टर सिंह ने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने केन्द्रवार बेड आक्यूपेंसी रेट पर चर्चा की तथा भरे व रिक्त बेड की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करें कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बेड कभी भी रिक्त नहीं रहना चाहिए। डिस्चार्ज होने वाले बच्चे के स्थान पर दूसरे जरूरतमंद बच्चे को उसी दिन एडमिट कराने की अग्रिम सूचना कर व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे इन पोषण पुनर्वास केन्द्रों का अधिकतम लाभ कुपोषित बच्चों को मिल सके।

गर्भवती महिलाओं के हिमोग्लोबिन जांच के लिए चलेगा अभियान

कलेक्टर सिंह ने बैठक में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच पर भी चर्चा की। उन्होंने जिले की गर्भवती महिलाओं में रक्ताल्पता की जांच के लिए सभी के हिमोग्लोबिन टेस्ट अभियान चलाकर अगले एक माह में पूरा करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। इसके लिए उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में तमाम जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने तथा महिलाओं को सूचित करने के निर्देश दिए।

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