छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल सचिवालय को जारी नोटिस पर लगाई रोक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल सचिवालय को जारी नोटिस पर रोक लगा दी है. अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल को नोटिस जारी करने HC के अधिकार नहीं होने के तर्क को कोर्ट ने सही माना है. राज्य सरकार और एक अधिवक्ता ने बढ़ाए गए आरक्षण पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने के मामले में याचिका लगाई थी. जिसपर पूर्व में HC ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी किया था. HC से जारी नोटिस को चुनौती देते हुए सचिवालय ने आवेदन पेश किया था. रिकॉल एप्लीकेशन के माध्यम से उच्च न्यायालय में दलील दी गई कि भारत के संविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 200 के अनुरूप विधानसभा द्वारा पारित किसी विधेयक को राज्यपाल अनुमति दे सकता है, रोक सकता है, राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख सकता है। राज्यपाल के प्रतिनिधि के रूप में सचिव को भी इस आशय नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है।
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सीएम बघेल का ट्वीट - व्यक्तिगत तौर पर मैं राज्यपाल जी का बहुत सम्मान करता हूँ, वो मेरी बड़ी बहन हैं। लेकिन राजभवन भारतीय जनता पार्टी के हाथों में खेल रहा है, यह हमारे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।
व्यक्तिगत तौर पर मैं राज्यपाल जी का बहुत सम्मान करता हूँ, वो मेरी बड़ी बहन हैं। @GovernorCG
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 10, 2023
लेकिन राजभवन भारतीय जनता पार्टी के हाथों में खेल रहा है, यह हमारे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। pic.twitter.com/vdMwS0KwFe