छत्तीसगढ़: नगर पंचायत में शौचालय निर्माण में भारी धांधली का खुलासा...ठेकेदारो ने किया शिकायतकर्ता पर हमला
फाइल फोटो
छत्तीसगढ़। जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ नगर पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय निर्माण में भारी धांधली का खुलासा हुआ है . शहरी विकास अभिकरण के अधिकारी ने नवागढ जनपद पंचायत में शौचालय निर्माण की शिकायत की जांच की और अधिकारियो और ठेकेदार के सांठ गांठ से 23 लाख की धांधली का खुलासा किया है. इस मामले में दो ठेकेदार जांजगीर के विवेका गोपाल और मुकेश बंजारे का मूल नस्ति कार्यालय से गुम हो गया है। और तात्कालिन सीएमओ के साथ इँजिनियर और लेका पाल ,ठेकेदारो को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. शहरी विकास अभिकरण के अधिकारी ने मामले को गंभीर लापरवही मानते हुए दोषियो के खिलाफ कानूनी कारवाई के लिए आश्वासन दिया है. वही नगर पंचायत के अधिकारीयों के साथ साठगांठ कर भ्रष्ट्राचार का पोल न खुल जाने के डर से मुल नस्ति को कार्यालय से ही गायब करा दिया गया हैं। लेकिन नगर पंचायत के अधिकारी भी अभी तक कार्यालय से मुल नस्ति गुम होने की शिकायत नही लिखाई है। इससे साफ जाहिर होता है कि ठेेकेदार को बचाने के लिए अधिकारीयों का किस तरह मिली भगत है। आप को बता दे कि इसी तरह जांजगीर नैला नगर पालिका में भी शौचालय निर्माण कर ओडीएफ का तमगा हासिल करने के लिए नगर पालिका के अधिकारियो ने ठेकेदार से साथ सांठ गांठ कर 3 करोड रुपए की गबन करने का मामला उजागर हुआ है. अब जांजगीर के बाद नवागढ जनपद पंचायत में भी डूडा के अधिकारी ने 23 लाख की गडबडी होने पाया है .और शासन द्वारा स्वीकृत शौचायत को बनाए बिना ही तय राशि निकाल लिया गया इतना नही नही शौचालय बनाए बिना और ग्रामीणो के द्वारा बनाए शौचालय की भी राशि ठेकेदार के नाम कर दिया गया है अधिकारियो की इस लापरवाही के कारण वास्तविक हितग्राहियो को योजना का लाभ नही मिला और मलाई दार पद मे बैठेे अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से शासन की राशि डकार गए है शहरी विकास अभिकरण के अधिकारी ने तात्कालिन चार सीएमओ,लेखापाल अधिकारी और इँजिनियर को नोटिस देकर जबाव तलब किया है .और संतुष्टि जनक जवाब नही मिलने पर कानूनी कारवाहि के चेतावनी दी है. वर्ष 2015 से 2018 तक नवागढ जनपद के अधिकारियो ने अपने चेहेते ठेकेदार के माध्यम से 23 लाख रुपए डकार लिए ठेकेदार को लाभ पहुंचाने से बाद नवागढ को ओडीएफ का तमगा हासिल कर लिया है. लेकिन न तो पूरा शौचालय बना है और ना हितग्राहियो को शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि मिली है. जिले के नगरीय निकायो में केंद्र सरकार की ओडीएफ योजना को फर्जी तरीका अपना कर कागज में पूरा दिखा कर खुले में शौच मुक्त भारत के लिए वाहवाही लूट ली लेकिन अब वही पूरानी फाईल खुलने से कई बडे अधिकारी और सफेद पोश नेता बेनकाब हो गए है।